ब्लड प्रेशर लो हो या हाई दोनों ही आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ब्लड प्रेशर शरीर में ब्लड फ्लो होने की प्रक्रिया है। कभी–कभी शरीर में यह फ्लो कम हो जाता है तो इसे लो बीपी कहा जाता है, वहीं इस प्रक्रिया के तेज होने पर इस हाई बीपी कहा जाता है। शरीर में ब्लड सर्कूलेशन का नियंत्रित होना जरूरी है। हाई ब्लड प्रेशर से दिल की बीमारियां और कई परेशानियां भी हो सकती है। हम कई बार ऐसी परेशानियों से गुजर रहे होते हैं, जब हमे पता भी नहीं लगता की हमें हाई ब्लड प्रेशर है या लो ब्लड प्रेशर से से ग्रसित हैं। आज हम लेकर आये हैं वो लक्षण जिनसे आप पता लगा पायेंगे आपको लो बीपी है या हाई बीपी।
हाई बीपी के लक्षण-
जिन लोगों को डायबिटीज होती है उनमें हाई ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण नहीं होते। हाई ब्लड प्रेशर में अचानक खून का प्रवाह तेज होने लगता है, इसके कुछ महत्वपूर्ण लक्षण हो सकते हैं-
-सिर दर्द
-आंखों की रोशनी में कमी
-नाक से खून बहना
-सांस लेने में तकलीफ
-दौरे पड़ना
-अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
लो बीपी के लक्षण- हाई ब्लड प्रेशर की ही तरह लो बीपी में जरूरी नहीं है कि हर बार आपके सामने लक्षण आएं। आम तौर पर लो बीपी के कुछ लक्षणों को देखा जा सकता है।
-उल्टी का अहसास होना
-चक्कर आना और बेहोश हो जाना
-धुंधला दिखाई देना
-दिल की धड़कने अचानक तेज हो जाना या कम हो जाना
लो ब्लड प्रेशर हो तो अपनाएं ये घरेलू उपाय-
-अगर आपको लो बीपी है तो नमक थोडा अधिक खाएं। कम ब्लड प्रेशर में एक ग्लास पानी में एक चम्मच नमक घोल कर उसका सेवन करें।
– लो बीपी होने पर कॉफी और चॉकलेट का सेवन करना फायदेमंद होता है।
– 10-15 किशमिश को रात में भिगो कर रख दें और खाली पेट इसका सेवन करें।
हाई ब्लड प्रेशर हो तो अपनाएं ये घरेलू उपाय-
-नमक का सेवन कम कर देना लाभदायक होगा। साधारण नमक की जगह लो-सोडियम सॉल्ट का प्रयोग करें।
– पापड़, आचार, चटनी, नमकीन सलाद और रायते का सेवन कम कर देना चाहिए। इन सब में नमक होता है, खाने के साथ इन सब को लेने से बचना चाहिए।
-वजन कम करें, तनाव में नहीं रहना चाहिए, पर्याप्त नींद लें, शराब बहुत संतुलित मात्रा मे लें और रेशेदार फल और सब्जियों का सेवन करें।
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