लंदन : लंदन में भूमिगत ट्रेन सेवा को ट्यूब कहा जाता है। लंदन के रहवासियों के साथ ही यहां के सरकारी अधिकारी भी इस सेवा का खूब उपयोग करते हैं।

मॉस्को : 2011 तक के आंकड़ों के अनुसार मॉस्को मेट्रो के अंतर्गत 185 स्टेशन हैं और इसका दायरा 305.7 किलोमीटर है। इस मेट्रो सेवा का अधिकांश हिस्सा भूमिगत है, जिनकी अधिकतम गहराई जमीन से 84 मीटर (पार्क पोबेदी स्टेशन) नीचे तक है। टोक्यो की ट्विन सब-वे के बाद मॉस्को का रैपिड ट्रांसिट सिस्टम सबसे ज्यादा यात्रियों के आवागमन का साधन है।
टोक्यो : टोक्यो की मेट्रो ट्रेन्स अपने पीक समय में सर्वाधिक व्यस्त रहती हैं। सुबह के सबह यहां इतनी भीड़ रहती है कि प्लेटफॉर्म अटेंडेंट्स (ओशिया) को यात्रियों को धक्का देकर अंदर ठूसना पड़ता है, ताकि ट्रेन के दरवाजे बंद हो सकें। टोक्यो मेट्रो की कई लाइन्स पर पहला व आखिरी डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व रहता है।
सियोल : रोजाना 80 लाख यात्रियों के साथ सियोल सब-वे सिस्टम को दुनिया का सबसे व्यस्ततम मेट्रो सेवा कहा जाता है।
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