ब्रह्मास्त्र फिल्म का ट्रेलर बीते दिनों आया और उसके बाद से यह फिल्म सुर्ख़ियों में है। यह फिल्म पुरातन समय की दिव्य शक्तियों और दिव्य अस्त्रों पर आधारित बताई जा रही है। जी हाँ और इन दिव्य अस्त्रों के बारे में कई धर्म ग्रंथों और पुराणों में बताया गया है। आप सभी को बता दें कि सभी दिव्यास्त्रों में सबसे शक्तिशाली ब्रह्मास्त्र को माना गया है। वहीं इतिहास के जानकार बताते हैं कि पुराणों में जिस ब्रह्मास्त्र के बारे में बताया जाता है, उसमें कई परमाणु बम के बराबर की शक्ति होती थी। जी हाँ और इस अस्त्र को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या कर परमपिता ब्रह्मा को प्रसन्न करना पड़ता था, इस वजह से बहुत कम योद्धाओं के पास ये अस्त्र हुआ करता था। अब हम आपको बताते हैं ब्रह्मदेव ने क्यों किया इस विनाशकारी अस्त्र का निर्माण?
क्या है ब्रह्मास्त्र, परमपिता ब्रह्मा ने क्यों की इसकी रचना?- पौराणिक कथाओं के अनुसार दैत्यों ने जब देवताओं को हराकर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया तब ब्रह्माजी ने धर्म की रक्षा के लिए इस विनाशकारी अस्त्र का आविष्कार किया। हालांकि देवताओं ने इस अस्त्र का प्रयोग कब और कहां किया, इसका वर्णन नहीं मिलता है।
देवताओं से मनुष्यों के पास कैसे आया ये शस्त्र?- पौराणिक कथाओं के अनुसार, किसी भी दिव्यास्त्र को पाने के लिए देवताओं को प्रसन्न किया जाता था, इसके लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती थी। उस समय अनेक देवताओं और दैत्यों ने कठिन तपस्या कर ब्रह्मदेव से इस अस्त्र को प्राप्त किया। बाद में देवताओं से ये अस्त्र गंधर्वों के पास गया और फिर मनुष्यों के पास भी आ गया। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मास्त्र का सबसे पहला प्रयोग राजा विश्वामित्र ने महर्षि वशिष्ठ पर किया था, लेकिन अपनी ब्रह्मतेज के बल पर महर्षि वशिष्ठ बच गए और संसार का विनाश भी नहीं हुआ।