विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक को मलेशिया से भारत लाने की कवायद शुरू हो गई है. युवाओं को जिहाद के नाम पर भड़काने के आरोपी नाईक को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय ने मलेशिया की अथॉरिटी से नाईक के प्रत्यर्पण की मांग की है. एक निजी अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि एनआईए ने नाईक के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने और चार्जशीट फाइल करने जैसी सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. अब भारत की इस मांग को लेकर कुआलालंपुर कोर्ट को फैसला सुनना है. बता दें कि नवंबर 2017 में मलयेशिया ने जाकिर नाईक को भारत को प्रत्यर्पित करने की सहमति जताई थी.
इससे पहले 26 अक्टूबर 2017 को एनआईए ने नाईक के खिलाफ एक चार्टशीट फाइल की जिसमे दावा किया गया कि इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक पिछले काफी समय से सोची समझी साजिश के तहत हिंदू, ईसाई और इस्लाम के शिया, सूफी और बरेलवी समुदाय की मान्यताओं का अपमान कर रहा है. इस चार्टशीट में कहा गया कि नाइक के भाषण से युवाओं को इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन में शामिल होने की प्रेरणा मिलती है.
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘जाकिर नाइक के खिलाफ अपने एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) और कंपनी हार्मोनी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के सबूत हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द नाइक के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.’
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