आप अप्रैल और मई माह के मौसम का एहसास करिए। बाहर 45 डिग्री सेल्सियस तापमान है, आसमान से सूर्य की किरणें अंगारे बरसा रही है और पसीने से कपड़े तर-बतर हैं। जी हां, ऐसे में लोग घरों से निकलने की जहमत नहीं उठा पाते। ऐसे में आप कहीं जाने की सोच भी नहीं सकते, क्योंकि वहां जाकर भी गर्मी से राहत नहीं मिल सकती। वहीं इस बार गर्मी के सीजन में आप की परेशानी संग्रहालय आकर दूर हो जाएगी। जहां बाहर गर्मी होगी तो अंदर कूल-कूल महसूस करेंगे।
संग्रहालय में एसी की ठंडक महसूस होगी
जी हां, इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय में अगले माह बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अप्रैल-मई में संग्रहालय जाने वाले लोग एसी की ठंडक महसूस करेंगे। आग से बचाव के लिए फायर फाइटर यंत्र भी सक्रिय कर दिए जाएंगे। इन दोनों सुविधाओं पर काम तेज हो गया है। सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोग निर्माण विभाग) ने मार्च के अंत तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
तमाम वीथिकाएं भी वातानुकूलित की जाएंगी
संग्रहालय के भीतरी हिस्से में विकास कार्य की शुरुआत छह माह पहले ही कर दी गई थी। सबसे पहले सेंट्रल हॉल को वातानुकूलित किया जा रहा है। इसके बाद तमाम वीथिकाएं भी वातानुकूलित की जाएंगी। हॉल को पूरी तरह वातानुकूलित करने का काम सीपीडब्ल्यूडी कर रहा है। वहीं संग्रहालय में रखे पुराने अभिलेख व अन्य दुर्लभ सामग्रियों की सुरक्षा के लिए फायर फाइटर यंत्र भी लगाए जा रहे हैं।
बोले संग्रहालय के निदेशक
संग्रहालय के निदेशक डॉ सुनील गुप्त ने बताया कि प्रथम चरण में यही विकास कार्य हो रहे हैं। उम्मीद है कि इस गर्मी में संग्रहालय आने वाले पर्यटकों व स्थानीय लोगों को गर्मी से निजात मिल सकेगी।