अमेरिका की तरफ से एक बार फिर से ‘कश्मीर मुद्दे’ को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा,’ हम उन आतंकवादियों की निंदा करते हैं, जो नियंत्रण रेखा को पार करके घुसपैठ करते हैं।
बता दें कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या कश्मीर को लेकर जो बाइडन प्रशासन की नीति पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे होगी? अब बाइडन प्रशासन ने इस बात के पुख्ता संकेत दिए हैं कि अमेरिका जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करने जा रही है। हालांकि, बाइडन प्रशासन ट्रंप के मुकाबले भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता शुरू कराने को लेकर ज्यादा मुखर दिखता है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के पीछे भी कई लोग बाइडन प्रशासन की इसी सोच को मानते हैं।
नेड प्राइस ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। जम्मू और कश्मीर में भारत द्वारा लोकतंत्रिक मूल्यों के तहत आर्थिक और राजनीतिक हालतों को पूरी तरह से सामान्य बनाने के लिए अमेरिका ने स्वागत किया है। हालांकि, अमेरिका की तरफ से स्पष्ट नहीं हुआ है कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ रिश्तों की अपनी अहमियत है।
नेड प्राइस के मुताबिक, अमेरिका दोनों देशों के साथ सकारत्मक और रचनात्मक रिश्ते रख सकते हैं। यही वजह है कि उन्होंने कहा कि अमेरिका कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का पक्षधर है। यही नहीं भारत के साथ रणनीतिक महत्व को भी रेखंंकित किया गया है और कहा गया है कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत और अमेरिका के बीच एक विस्तृत रणनीतिक संबंध है जबकि पाकिस्तान के साथ भी यूएस के साझा हित है। जिसके बारे में आगे बात करने के लिए अमेरिका ने संकेत दिए हैं।