प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे। इसका असर मंगलवार से शुरू हो रहे गैरसैंण बजट सत्र पर तो पड़ेगा ही, सचिवालय समेत तमाम राजकीय विभागों में कामकाज ठप रहेगा। उधर, एससी-एसटी कार्मिकों के काम पर आने के ऐलान से कार्मिकों में टकराव के आसार भी बढ़ गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट मोड पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के बीच शुरू होने जा रहे बजट सत्र को लेकर सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार देर रात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के दौरान भी कर्मचारी नेता इस मांग पर अड़े रहे कि जब तक बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का शासनादेश उन्हें नहीं मिल जाता, हड़ताल नहीं रुकेगी। ऐसे में कर्मचारियों को मनाने का यह आखिरी प्रयास भी नाकाम रहा। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि हड़ताल को सफल बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
सोमवार सुबह से सचिवालय समेत तमाम सरकारी विभागों में तालाबंदी कर दी जाएगी और किसी को भी कार्यालयों में घुसने नहीं दिया जाएगा। गैरसैंण बजट सत्र का भी बहिष्कार होगा। तीन मार्च को कर्मचारी लाव-लश्कर के साथ गैरसैंण के लिए कूच करेंगे। उन्हें जहां रोका गया, वहीं पर धरना देकर सभा शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और इस पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है। फिर भी इतना सोच-विचार क्यों किया जा रहा है। अब सरकार राजनीति कर रही है तो वह भी इसे राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और किसी भी कीमत पर हक लेकर रहेंगे।
परेड ग्राउंड में जुटेंगे कर्मचारी
एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि विभागों में तालाबंदी के बाद सभी कार्मिक परेड ग्राउंड में एकत्रित होंगे। यहां दिन भर सभा होगी और उत्तराखंड सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ हुंकार भरी जाएगी।
विभिन्न राज्यों में भी होगा प्रदर्शन
अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव वीपी नौटियाल ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन राष्ट्रव्यापी होगा। उत्तराखंड में हड़ताल के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, मध्य प्रदेश में भोपाल, कर्नाटक में बंगलुरू समेत प्रदेश के अन्य राज्यों की राजधानियों में भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि बजट सत्र के लिए व्यवस्थाएं पूरी की जा चुकी हैं। सभी अपने दायित्व और राज्य हित को समझते हैं। उम्मीद है कि कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी का परिचय देंगे। बजट सत्र महत्वपूर्ण है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।