सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस फैसले से सीएनजी 3.50 रुपये प्रति किलो तक सस्ती हो जाएगी।
शासनादेश के बाद यह आदेश लागू हो जाएगा। यूपी में नेचुरल गैस के अलावा सीएनजी पर भी 14.5 फीसदी वैट लिया जाता है। इसके चलते यहां सीएनजी दिल्ली के मुकाबले 3.50 रुपये महंगी मिल रही थी।
विधानमंडल के सत्रावसान को मंजूरी
प्रदेश कैबिनेट ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का सत्रावसान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। विधानमंडल का वर्तमान सत्र 14 दिसंबर से शुरू हुआ था और 22 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ था। इस सत्र में विधानसभा और विधान परिषद की सात-सात बैठकें हुई थीं। सत्र में 2017-18 के लिए अनुपूरक बजट व इससे जुड़े विनियोग विधेयक को मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा 11 नए विधेयक पेश किए गए। इनमें सेे 10 दोनों ही सदनों से पारित हो गए।
यूपीकोका विधेयक को विधान परिषद की प्रवर समिति को भेजा गया है। इसके अलावा पिछले सत्र के बाद जारी पांच अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक भी विधानसभा में फिर से पेश किए गए। इनमें से चार विधेयक दोनों ही सदनों से पारित कराए गए और एक विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया था।
मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना से प्रति वर्ष विकसित होंगे 1008 गांव
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श गांव योजना की तर्ज पर योगी सरकार ने पांच वर्ष में पांच हजार से अधिक गांवों को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना लागू की है। योजना के तहत प्रति वर्ष प्रदेश के 1008 गांव विकसित किए जाएंगे। कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गई।प्रत्येक विधानसभा और विधान परिषद सदस्य को प्रति वर्ष दो-दो गांव लेकर विकसित करने का मौका मिलेगा। सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के नाम पर शहीद ग्राम भी बनेंगे।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि योजना में सीमावर्ती जिलों के गांवों, वनटांगियां, मुसहर, वंचित समाज के ऐसे मजरे जहां सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सका उन्हें चयनित किया जाएगा। सीमा पर शहीद हुए सैनिकों के गांवों को योजना में प्राथमिकता से गोद लेकर विकसित किया जाएगा। उन गांवों का नाम भी शहीद सैनिकों के नाम पर रखा जाएगा। योजना में गोद लिए गए गांवों के ग्रामीणों को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। गांव में सड़क, पानी, बिजली, स्कूल, शौचालय, नालियों की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
केंद्र व राज्य सरकार के 17 विभागों की 24 योजनाओं का लाभ गोद लिए गए गांवों में प्राथमिकता से दिया जाएगा। जिला अधिकारी विभिन्न योजनाओं में कंर्वजेंस के माध्यम से भी योजना में गोद लिए गए गांवों में विकास कार्य कराएंगे। समग्र ग्राम विकास के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। विधायक भी गांव के विकास के लिए विधायक निधि से राशि स्वीकृत कर सकेंगे।
आलू किसानों की समस्या का समाधान ढूंढेगा मंत्रिसमूह
आलू किसानों की मुश्किलें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह का गठन कर दिया है। यह मंत्रिसमूह 15 दिन में आलू किसानों की समस्या की जानकारी प्राप्त कर उसे दूर करने का सुझाव देगा। राजधानी में विधानभवन, राजभवन और मुख्यमंत्री के आवास के सामने आलू फेंके जाने के बाद सरकार का यह सबसे अहम फैसला है।
प्रदेश कैबिनेट की बैठक के बाद मंगलवार को सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, वन मंत्री दारा सिंह चौहान व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल सदस्य बनाए गए हैं। यह समूह सर्वे व अन्य माध्यमों से आलू किसानों की समस्या की जानकारी, आलू किसानों को राहत देने पर सुझाव देगी।
इलाहाबाद में सहसो व शृंगवेरपुर को ब्लॉक बनाने को मंजूरी
प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद में सहसो व शृंगवेरपुर को ब्लॉक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इससे लोगों को विकास कार्यों का लाभ तेजी से मिलेगा।
हाईकोर्ट के जजों को अब 10 लाख तक चिकित्सा सुविधा
प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवारत व सेवानिवृत्त न्यायाधीशों तथा उनके आश्रितों के इलाज पर दस लाख रुपये तक इलाज की सुविधा देने का फैसला किया है। पहले यह सीमा पांच लाख रुपये थी। कैबिनेट ने मुख्य न्यायाधीश को पांच लाख रुपये के स्थान पर 10 लाख रुपये तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों को स्वीकृत करने को अधिकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश 10 लाख रुपये तक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों को मंजूर कर सकेंगे।
विवि शिक्षकों को मिलेगा पांच वर्ष का विशेष अवकाश
प्रदेश के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को अब सांसद और विधायक बनने के साथ कला, खेल, संस्कृति एवं साहित्य, शैक्षिक संस्थानों और आयोगों में नियुक्ति पर पांच वर्ष का विशेष अवकाश दिया जाएगा। विवि शिक्षकों को मिलने वाले असाधारण अवकाशों के अतिरिक्त विशेष अवकाश देने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
वर्तमान में असाधारण अवकाश को अन्य अवकाशों के साथ 3 वर्ष और ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की अधिकतम अवधि पांच वर्ष निर्धारित है। कैबिनेट ने महाविद्यालयों और विवि के शिक्षकों के लिए 5 वर्ष का विशेष अवकाश देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है । इससे इन शिक्षकों के सांसद, विधायक निर्वाचित होने, केंद्र या राज्य सरकार की ओर से कला, विज्ञान, साहित्यिक, सांस्कृतिक, खेल, शैक्षिक संस्थानों और आयोगों में नियुक्ति के लिए पांच वर्ष का विशेष अवकाश दिया जाएगा।
इसके लिए असाधारण अवकाश के नियमों में संशोधनों को भी मंजूरी दी गई है। पांच वर्ष के असाधारण अवकाश को किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश (आकस्मिक अवकाश और विशेष आकस्मिक अवकाश को छोड़कर) के साथ जोड़कर लिए जाने की अनुमति दी गई है।
उद्योगों को जल्द एनओसी के लिए प्रदूषण नियमावली में संशोधनों को मंजूरी
उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी शीघ्र प्रदान करने के लिए उप्र. जल (मल और व्यावसायिक बहि:स्राव निस्तारण के लिए सहमति) नियमावली 1981 और उप्र. वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) नियमावली 1983 में संशोधन के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
उद्योगों को तेजी से एनओसी देने के लिए प्रदेश में ऑनलाइन कन्सेंट मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (ओसीएमएमएस) लागू किया गया है। इसके लिए उप जल नियमावली 1981 के नियम-3 और 5 में संशोधन व अनुसूची-3 को बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। साथ ही उप्र. वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) नियमावली 1983 के नियम-27, 28 में संशोधन और अनुसूची-4 बढ़ाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है।
रामपुर के बर्खास्त ईओ निहाल चंद बहाल
प्रदेश सरकार ने रामपुर नगर पालिका परिषद केबर्खास्त अधिशासी अधिकारी निहाल चंद की बर्खास्तगी को समाप्त करते हुए उन्हें वापस सेवा में लेने का फैसला किया है। इससे संबंधित नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। निहाल को सपा सरकार में बर्खास्त किया गया था।
पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिलें चलाने को मंजूरी
प्रदेश कैबिनेट ने पूर्वांचल के किसानों को बड़ी सौगात दी। सरकार ने गोरखपुर की बंद पिपराइच चीनी मिल व बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल को चलाने को मंजूरी दे दी है। इन मिलों में को-जनरेशन प्लांट व आसवानी की भी स्थापना होगी। इससे 60 हजार किसानों को सीधा फायदा होगा और 17 हजार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
सरकारी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि यूपी राज्य चीनी निगम लि. की पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिलों की गैर विवादित जमीन पर 5000-5000 टीसीडी क्षमता की नई मिलें स्थापित की जाएगी। दोनों ही मिलों के साथ 18-18 मेगावाट क्षमता का को-जनरेशन प्लांट व आसवानी की स्थापना होगी। पिपराइच मिल प्लांट पर 400 करोड़ 89 लाख 67 हजार रुपये और पिपराइच मिल पर 314 करोड़ आठ लाख 91 हजार रुपये का खर्च आएगा।
यह खर्च शत-प्रतिशत ऋण के रूप में सरकार वहन करेगी। कैबिनेट ने एक वर्ष में दोनों चीनी मिलों व को-जनरेशन प्लांट शुरू करने का लक्ष्य दिया है। शर्मा ने बताया कि इन परियोजनाओं से 30-30 हजार किसानों को सीधा लाभ होगा और 8500-8500 प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
गन्ना किसानों को किया रिकॉर्ड भुगतान
शर्मा ने कहा कि योगी सरकार ने चालू पेराई सत्र का 8250 करोड़ रुपये गन्ना बकाया का भुगतान किया है। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने बताया योगी सरकार ने रिकॉर्ड 24 हजार करोड़ रुपये का पुराना भुगतान भी किया है। प्रदेश किसान संगठन सालों से जिला गन्ना अधिकारी व मिल मालिक (अध्यासी) के संयुक्त खाते की मांग कर रहे थे। इससे चीनी बेंचते ही चीनी बिक्री से मिली रकम का 85 फीसदी भुगतान किसानों को हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संयुक्त खाते से शीरा, बगास व प्रेसमड के भुगतान को भी शामिल किया गया है। राणा ने दावा किया कि योगी सरकार के उपायों से गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली नहीं हो रही है।