जनता की सुविधा के लिए बने आरटीओ आफिस को जनता का प्रवेश ही कर दिया वर्जित…

जनता की सुविधा के लिए बने आरटीओ आफिस को जनता का प्रवेश ही वर्जित कर दिया गया है। आरटीओ आफिस के मुख्य दरवाजे पर प्रवर्तन सिपाही नियुक्त कर दिए गए, जो आफिस में आने वाले हर व्यक्ति को रोकते रहे। उनकी तलाशी ली गई एवं किस वजह से आफिस आए हैं, इसका पता लगने के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया गया। लोग हैरान-परेशान थे और खीज भी निकाल रहे थे, लेकिन अफसरों ने एक नहीं सुनी। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि आरटीओ में रोजाना नए-नए नियम और कायदे लागू कर जनता को परेशान किया जा रहा। इतना ही नहीं आफिस के कर्मचारी किसी का भी काम आसानी से नहीं कर रहे, चाहे वह पूरे कागजात ही साथ क्यों न लाया हो।

पिछले महीने हुई विजिलेंस की कार्रवाई के बाद सरकार की ओर से जीरो-टॉलरेंस के अंतर्गत आरटीओ आफिस में लंबे समय से चल रही दलाल प्रथा को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे। विजिलेंस की छापेमारी के कुछ दिन बाद जिला प्रशासन ने भी छापे की कार्रवाई की और आरटीओ आफिस के बाहर अवैध रूप से बैठे कुछ स्टांप वेंडर व दलालों को खदेेड़ दिया। ऐसे में आरटीओ के अधिकारी आफिस को पारदर्शी बनाने में रोज नए-नए प्रयोग कर रहे। सूत्रों की मानें तो नए प्रयोग का सीधा मकसद जनता को परेशान करना है, ताकि सरकार तक मामला पहुंचे और आफिस की व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर आ जाए। पारदर्शिता की आड़ लेकर ऐसे कायदे लागू किए गए हैं, जो लोगों का सिरदर्द बन चुके हैं। एक-दो दिन में काम होना तो छोडि़ए, मौजूदा व्यवस्था में लोगों के काम एक-एक सप्ताह तक लटकाए जा रहे।

फार्म कैसे भरा जाए, नहीं बताते

आपको किसी कार्य के लिए आरटीओ से अगर फार्म लेना पड़े तो यह भूल जाइए कि कोई कर्मचारी आपसे सलीके से बात करेगा और फार्म भरने की जानकारी देगा। फार्म में क्या-क्या और इसे कैसे भरना है, यह सभी लोग नहीं जानते। आरटीओ में ऐसा काउंटर कोई नहीं है, जहां लोगों को फार्म भरने की मदद मिल सके।

नियमों की आड़ में व्यवहारिकता

नियमों की आड़ में अव्यवहारिकता को बढ़ावा देने के पीछे भी कई सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, आरटीओ में अब तक चली आ रही दलाल प्रथा की वजह से कार्मिकों का जनता से सीधा संपर्क बेहद कम था। वाहन डीलरों की गाडिय़ां उनके एजेंटों के जरिए पंजीकृत हो रही थीं, जबकि आफिस में आने वाले ज्यादातर लोग झंझट से बचने के लिए दलालों का सहारा लेते थे।

एक हफ्ते के लिए पौड़ी आरटीओ को दून का चार्ज

देहरादून के आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई दो जनवरी तक छुट्टी पर चले गए हैं। उनका चार्ज पौड़ी आरटीओ सुनील शर्मा को दिया गया है। शर्मा ने गुरुवार को दून पहुंचकर आरटीओ में चार्ज ले लिया। उन्होंने सुबह ही पूरे आफिस का निरीक्षण किया व बिना चेकिंग किसी को अंदर न प्रवेश करने देने का आदेश दिया।

नए जमाने में लगवा रहे अंगूठा

गाड़ी ट्रांसफर के दौरान आरटीओ कर्मी विक्रेता और खरीददार से फार्म पर अंगूठा लगवा रहे। नियमानुसार फार्म में हस्ताक्षर या अंगूठा लगाने के विकल्प होते हैं। यदि आपने हस्ताक्षर किए हैं तो अंगूठा लगवाने का कोई नियम नहीं, फिर भी मनमाने ढंग से कर्मी लोगों को परेशान कर रहे। इसकी बड़ी वजह यह है कि गाड़ी ट्रांसफर करने से पहले गाड़ी की पुरानी फाइल निकालनी होती है। उक्त फाइल से गाड़ी मालिक के हस्ताक्षर मिलान किए जाते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार कर अंगूठा लगवाया जा रहा।

लोगों को इस तरह किया जा रहा परेशान

  • अगर आपने किसी को गाड़ी बेची है तो गाड़ी ट्रांसफर के लिए आपको व खरीददार को खुद आरटीओ में आना पड़ेगा।
  • यहां आपके अंगूठे का निशान लिया जा रहा, जबकि इसका वाहन ट्रांसफर प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं।
  • गाड़ी ट्रांसफर कराने के लिए मालिक व खरीददार को अलग-अलग शपथ-पत्र देने पड़ रहे।
  • सत्यापन की प्रक्रिया में एक से दो घंटे लाइन में लगाकर किया जा रहा परेशान।
  • गाड़ी आपके नाम है और आपका बेटा या परिवार का कोई भी सदस्य टैक्स जमा करने आ रहा तो उसे वापस भेजा जा रहा।
  • ऐसे ट्रांसपोर्टर जिनके पास हैं दर्जनों व्यवसायिक वाहन, उन्हें रोज-रोज आफिस में बुलाकर किया जा रहा परेशान।
  • काउंटर पर बैठे कर्मचारी मामूली गलती निकालकर काम टाल रहे।
  • एक ही कैश काउंटर चलाया जा रहा, जिस पर लग रही सुबह से दोपहर तक लाइन।
  • दोपहर दो बजे के बाद कैश नहीं किया जा रहा जमा। लाइन में लगकर भी नंबर न आने पर बैरंग लौट रहे लोग।
  • अगर आपको किसी का काम कराना है तो संबंधित व्यक्ति के जरिए शपथ-पत्र देना पड़ रहा कि आप उसके अधिकृत प्रतिनिधि हैं।
  • लोगों का पूरा दिन शपथ-पत्र बनाने व कचहरी से आरटीओ के चक्कर काटने में बीत रहा।

परिवहन मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि काम में पारदर्शिता के लिए आरटीओ आफिस में कुछ सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं, लेकिन इनका मकसद आमजन को परेशान करना नहीं है। अगर कुछ अधिकारी या कर्मचारी जानबूझकर जनता को परेशान कर रहे हैं तो इसकी रिपोर्ट ली जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। जनता से मेरी अपील है कि व्यवस्था को सुधारने में वह भी सहयोग करे।

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