छात्र संघ चुनाव से पूर्व डीएवी कॉलेज में माहौल गर्माता जा रहा है। कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआइ का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल ही रहा था कि सत्यम-शिवम संगठन के छात्रों ने नया ही कारनामा कर डाला। संगठन के सदस्यों ने कॉलेज के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. गोपाल क्षेत्री के अभद्रता कर दी और परिसर में हंगामा हो गया। इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठियां भांजकर उन्हें कॉलेज से खदेड़ा। इससे कई छात्रों को चोटें भी आईं।
पुलिस कार्रवाई के बाद कॉलेज में मौजूद एनएसयूआइ, आर्यन, सत्यम-शिवम, दिवाकर गुट आदि छात्र संगठनों व छात्र नेताओं ने जमकर हंगामा काटा और मुख्य नियंता कार्यालय में जमकर नारेबाजी की। गुस्साए छात्रों का तर्क था कि जिस छात्र ने मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ अभद्रता की उसके ऊपर पुलिस कार्रवाई करती। पुलिस ने बेकसूर छात्रों पर लाठियां भांजी।
छात्र नेताओं में इस बात पर भी आक्रोश देखा गया कि कैंपस के भीतर बिना अनुमति के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दोपहर डेढ़ बजे तक धड़ल्ले से साउंड सिस्टम का प्रयोग किया, जबकि पुलिस ने उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के सुबह नौ बजे एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में संगठन के दर्जनों कार्यकर्ता डीएवी कॉलेज पहुंचे और उन्होंने मुख्य द्वार को बंद कर दिया और प्रदेश के कॉलेजों में रिक्त शिक्षकों के पदों को नहीं भरने पर नाराजगी जताते हुए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। करीब साढ़े 11 बजे पुलिस ने डीएवी का मुख्य गेट खोला।
गेट खुलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारी सचिवालय कूच के लिए कॉलेज मैदान में एकत्र होना शुरू हो गए। तब तक भी कॉलेज परिसर में शांति थी, लेकिन उसके बाद सत्यम-शिवम संगठन के सदस्य और पूर्व महासचिव कपिल शर्मा किसी बात को लेकर मुख्य चुनाव अधिकारी से उलझ गए और उनसे बदसलूकी की।
फिर क्या था कॉलेज का माहौल गर्मा गया और परिसर में हंगामा खड़ा हो गया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने भी आव देखा न ताव और लाठियां भांजनी शुरू कर दी।
सत्यम-शिवम की रैली के दौरान हुआ बवाल
सत्यम शिवम छात्र संगठन के सैंकड़ों समर्थक छात्र-छात्राएं पीले गुब्बारे एवं झंडे लेकर संगठन के वरिष्ठ नेता नरेंद्र शर्मा की अगुआई में कैंपस में दाखिले हुए और संगठन के संभावित महासचिव प्रत्याशी नीरज चौहान को कंधे पर उठाकर कॉलेज में रैली निकालने लगे। पूरे परिसर का एक राउंड पूरा करने तक तो मामला शांत था।
सीओ डालनवाला जया बलूनी फोर्स के साथ कैंपस में मौजूद थीं। इसी दौरान मुख्य नियंता कार्यालय के बाहर खड़े डीएवी कॉलेज के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. गोपाल क्षेत्री व मुख्य नियंता मेजर अतुल सिंह आपस में बातचीत कर रहे थे। रैली निकाल रहे सत्यम-शिवम छात्र संगठन के पूर्व महासचिव कपिल शर्मा एकाएक मुख्य चुनाव अधिकारी से उलझ गए और उनके साथ अभद्रता करने लगे।
मौके पर मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर डालनवाला राजीव रौथाण ने कपिल को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने और बदतमीजी पर उतर आए। संगठन के अन्य छात्र भी वहां पर हंगामा करने लगे। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी। पुलिस की लाठीचार्ज से छात्र-छात्राओं की भगदड़ मच गई। पुलिस ने मुख्य नियंता कार्यालय से कॉलेज के मुख्य गेट तक जो भी छात्र देखा उस पर लाठी बरसाई।
इस दौरान पुलिस कपिल शर्मा व कुछ अन्य छात्रों को पुलिस के वाहन में डालकर थाने ले गई। इस दौरान सूचना मिलते ही एसपी सिटी श्वेता चौबे भी कॉलेज पहुंचीं और उन्होंने हालात का जायजा लिया।
पूर्व छात्र नेताओं ने काटा हंगामा
लाठीचार्ज के बाद कॉलेज के पूर्व छात्र नेताओं ने पुलिस लाठीचार्ज का विरोध किया और मुख्य नियंता व प्राचार्य कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। एसएसयूआइ नेता व पार्षद आयुष गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष सवाल खड़े किए कि कॉलेज प्रशासन से बिना अनुमति से अभाविप कैंपस में डेढ़ बजे तक कैसे डीजे बजाता रहा।
पुलिस उन पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन सरकार के दबाव में अभाविप को छोड़कर अन्य छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी पर लाठियां बरसाना अन्याय
एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के अनुसार, पुलिस की बर्बरता का शिकार वह छात्र भी हुए जो पढ़ाई करने कॉलेज आए हुए थे। जिन छात्र नेताओं ने माहौल बिगाड़ा, पुलिस उन्हें कैंपस से बाहर लेकर भी जा सकती थी। सभी छात्रों पर लाठियां बरसाना सरासर अन्याय है।
कॉलेज प्रशासन जिम्मेदार
डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम सिमल्टी के मुताबिक, कैंपस में रैली निकालना और कॉलेज के शिक्षकों के साथ नोकझोंक की डीएवी कॉलेज में यह कोई पहली घटना नहीं है। पुलिस ने जिस प्रकार सभी छात्रों पर बल प्रयोग किया वह निंदनीय है। कॉलेज प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार है।
लाठीचार्च की घटना निंदनीय
सत्यम-शिवम संगठन के वरिष्ठ छात्र नेता नरेंद्र शर्मा का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने बिना संयम बरते सभी छात्रों पर लाठी भांजी, जो निंदनीय है। सत्यम-शिवम के पूर्व महासचिव ने यदि मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ अभद्रता की थी तो पुलिस केवल उन पर कार्रवाई करती, जबकि पुलिस ने निर्दोष छात्रों पर लाठी चार्ज करना अमानवीय है।
साउंड सिस्टम की कैसे दी अनुमति
डीएवी कॉलेज के महासचिव शूरवीर सिंह चौहान का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने पुलिस के साथ बैठक में यह आश्वासन दिया कि किसी भी छात्र संगठन को परिसर में साउंड सिस्टम लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद इसके प्रयोग की अनुमति किसने दी। अभाविप डीजे बजाते रहे और आम छात्र लाठियां खाते रहे।
चुनाव अधिकारी से अभद्रता पर पूर्व महासचिव के खिलाफ मुकदमा
डीएवी में सत्यम ग्रुप की ओर से प्रत्याशी नीरज चौहान के समर्थन जुलूस निकालने के दौरान रोके जाने पर चुनाव अधिकारी के साथ हुई अभद्रता के मामले में पुलिस ने पूर्व छात्रसंघ महासचिव कपिल शर्मा व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। छात्रसंघ चुनाव को लेकर यह पहला मुकदमा है।
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने छात्र संगठनों को पहले ही हिदायत दे रखी थी कि यदि उनकी ओर से किसी तरह से भी नियमों की अवहेलना की गई तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी छात्र संगठनों ने शक्ति प्रदर्शन किया और रोके जाने पर डीएवी में चुनाव अधिकारी से अभद्रता भी कर दी।
डीएवी पीजी कॉलेज में सत्यम शिवम से महासचिव पद के संभावित प्रत्याशी नीरज चौहान के समर्थन में पूर्व महासचिव कपिल शर्मा के नेतृत्व में 200 से 250 छात्र चावला चौक आर्य समाज मंदिर के पास से जुलूस निकालते हुए डीएवी कॉलेज पर पहुंचे।
आरोप है कि शक्ति प्रदर्शन के दौरान डीएवी कॉलेज के चुनाव अधिकारी भोपाल क्षेत्री द्वारा कॉलेज में नियमानुसार बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर रोका गया तो कपिल शर्मा द्वारा पुलिस कर्मचारियों के सामने ही भोपाल क्षेत्री को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने पर उनके साथ भी धक्का-मुक्की करते हुए सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई गई। जिस पर कपिल शर्मा व उसके समर्थकों के विरुद्ध डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
डीबीएस में भिड़े एनएसयूआइ-अभाविप के नेता
डीबीएस पीजी कॉलेज में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के तालाबंदी कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ता और एनएसयूआइ के पदाधिकारियों में झड़प हो गई। दोनों संगठनों के बीच मारपीट होती इससे पहले कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीसी पांडे ने बीचबचाव किया और दोनों संगठनों के छात्रों को शांत कराया।
एनएसयूआइ के छात्र नेताओं ने सुबह करीब 10 बजे कॉलेज का गेट बंद किया। इस दौरान वहां मौजूद अभाविप के कार्यकर्ताओं समेत डीबीएस छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश घाघट व वर्तमान अध्यक्ष मनबीर सिंह नेगी आदि ने विरोध किया। जबकि एनएसयूआइ की ओर से संजय उनियाल, मनीषा नेगी, सुधांशु जोशी, अरुण टम्टा, सागर भट्ट, सौरभ गुलेरिया आदि मौजूद रहे।
एसजीआरआर में चार प्रत्याशी घोषित
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं की अगुआई में आयोजित बैठक में श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज में आगामी छात्र संघ चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा की गई। जिसमें उपाध्यक्ष पद पर ओशिन कुनवाल, विवि प्रतिनिधि सूरज सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष मेघा भट्ट, सह सचिव पर अजहर सैफी के नामों की घोषणा की गई। अध्यक्ष पद की घोषणा जल्द की जाएगी।
एनएसयूआइ ने की सभी कॉलेजों में तालाबंदी
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने मंगलवार को दून के पांच कॉलेज डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज और राजकीय महाविद्यालय रायपुर सहित पूरे प्रदेश के कॉलेजों में तालाबंदी की।
एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने डीएवी कॉलेज में तालाबंदी कर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के कॉलेजों में शिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी मांग को लेकर करीब दो माह पूर्व एनएसयूआइ के कार्यकर्ता उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत से मिले।
उन्होंने आश्वासन दिया था कि एक माह के भीतर सभी कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके बावजूद आज तक कहीं भी शिक्षकों को नहीं भेजा गया। इसके विरोध में प्रदेशभर के कॉलेजों में तालाबंदी की गई। इस मौके पर एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं, विकास नेगी, राजेश भट्ट, आदित्य बिष्ट, अंकित बिष्ट, उदित थपलियाल, विपिन प्रसाद भट्ट, कविता आदि मौजूद रहे।