हाईस्कूल परीक्षा में दो विषयों और इंटर में एक विषय में कम अंक आने से अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण होने का अवसर मिलेगा। इस संबंध में अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
उत्तराखंड बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के परीक्षार्थियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। हाईस्कूल परीक्षा में दो विषयों और इंटर में एक विषय में कम अंक आने से अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण होने का अवसर मिलेगा।
प्रदेश सरकार उनके लिए अंक सुधार परीक्षा कराएगी। इस संबंध में अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से बोर्ड की दोनों कक्षाओं के लगभग 40 हजार छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सकेगा। साथ में उत्तीर्ण होने वालों की संख्या बढऩे से परीक्षाफल में भी सुधार होगा।
विभागीय बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में विभागीय बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बोर्ड परीक्षाओं में इस वर्ष 259340 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। इनमें इनमें हाईस्कूल की परीक्षा में 132104 और इंटर की परीक्षा में 127236 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं।
अंक सुधार परीक्षा का सर्वाधिक लाभ हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को मिलेगा। इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वालों की औसत संख्या 25 से 26 हजार के बीच रहती है। वहीं इंटर की परीक्षा में लगभग 14 से 15 हजार छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्य और जिला स्तरीय कार्यालयों में बीआरपी (ब्लाक रिसोर्स परसन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स परसन) के रिक्त 955 पदों आउट सोर्स से भरा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी का चयन एक सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए।
बीआरपी व सीआरपी के पद भरने को शैक्षिक अर्हताएं भी तय की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में छात्रसंख्या 250 से अधिक है, वहां हाईब्रिड मोड में वर्चुअल व आइसीटी लैब स्थापित की जाएंगी। शेष विद्यालयों में आइसीटी लैब बनेंगी।
शासन स्तर पर लंबित एससीईआरटी के अंतर्गत शिक्षक शिक्षा संवर्ग के ढांचे पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा गया। बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधु, सचिव दिलीप दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।