छात्रा से दुष्कर्म मामले में सजा से बचने के लिए अपनी मौत की झूठी कहानी रचने वाले आरोपित शिक्षक नीरज मोदी ने सोमवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपित नाटकीय ढंग से छिपते-छुपाते विशेष पाक्सो न्यायालय पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। विशेष न्यायाधीश ने उसके अधिवक्ता की तरफ से प्रस्तुत अर्जी का अवलोकन करते हुए न्यायसजा से आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
छात्रा से दुष्कर्म मामले में सजा से बचने के लिए उसने अपनी मौत की न सिर्फ झूठी कहानी गढ़ी थी बल्कि उस कहानी को सच साबित करने के लिए अपने पिता को भी साजिश में शामिल करते हुए मौत और अंतिम संस्कार का नाट्य रूपांतरण भी कराया। यही नहीं उसकी बाकायदा चिता पर लेटकर फोटोग्राफी भी कराई थी। उक्त फोटोग्राफ्स को विशेष पाक्सो अदालत में पिता के जरिये जमा कराते हुए खुद भूमिगत हो उसका लाभ भी लेने वाला था।
बाप भी बेटे को सजा से बचाने के लिए अजब-गजब का खेल खेला कि पुलिस उसकी मौत को सच मान शांत हो गई और न्यायालय ने शपथ पत्र देने पर केस की फाइल ही बंद कर दी थी। इशीपुर बाराहाट थानाक्षेत्र के मधुरा सिमानपुर निवासी शिक्षक नीरज मोदी पर 14 अक्टूबर 2018 को छात्रा से दुष्कर्म के दर्ज मुकदमे में उसके पिता राजाराम मोदी उर्फ राजो मोदी ने बेटे को सजा से बचाने के लिए उसकी मौत की झूठी कहानी गढ़ दी थी। पिता ने बाकायदा बेटे की झूठी मौत को सच दिखाने के लिए उसे कफन पहनाया, जिंदा लकड़ी के चिता पर आंखें बंद कर लिटाया, दाह संस्कार के लिए खुद कफन का लबादा ओढ़ लिया था।
कहलगांव श्मशान घाट स्थित एक लकड़ी के गोले से लकड़ी की खरीद वाली रसीद भी बनवा ली। उसी रसीद के सहारे बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र भी तैयार कराया और विशेष पाक्सो न्यायालय में शपथ पत्र के साथ बेटे के मृत्यु प्रमाण पत्र को दाखिल कर दिया। शपथ पत्र के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपे जाने के बाद न्यायालय ने केस की फाइल बंद कर दी थी। पिता ने बेटे को बचाने की ऐसी सधी चाल चली थी कि सबकुछ सामान्य तरीके से मुकाम तक पहुंच गया था लेकिन पिता की इस करतूत का भांडा दुष्कर्म पीडि़त छात्रा की मां जो केस की वादी थी, उसने फोड़ डाला। बेटी के साथ हुई ज्यादती से दुखी मां को जब आरोपित के पिता के षडयंत्र का पता चला तो वह प्रखंड विकास पदाधिकारी, पीरपैंती को एक अर्जी दे गलत मृत्यु प्रमाण पत्र उनके कार्यालय से जारी होने की जानकारी दे मामले में जांच की गुहार लगा दी। बीडीओ ने मामले में जांच बैठा दी।
जांच में सच सामने आ गया कि आरोपित के पिता ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था। बीडीओ ने जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रार धमेंद्र कुमार को नीरज मोदी के गलत साक्ष्य के आधार पर जारी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में पिता राजाराम मोदी के विरुद्ध केस दर्ज करने और निर्गत् मृत्यु प्रमाण् पत्र को रद करने की अनुशंसा कर दी थी। 21 मई 2022 को पीरपैंती बीडीओ के निर्देश पर 24 घंटे के अंदर आरोपित नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में इशीपुर बाराहाट में केस दर्ज कर लिया गया था। धोखाधड़ी से जुड़े मामले में नीरज के पिता अभी जेल में हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र भी रद कर दिया गया।
उक्त प्रमाण पत्र के रद होने की विधिवत जानकारी बाद विशेष पाक्सो न्यायाधीश लवकुश कुमार ने ईशीपुर बाराहाट थानाध्यक्ष से दुष्कर्म के आरोपित शिक्षक नीरज मोदी के जीवित रहने या मृत्यु हो जाने संबंधी रिपोर्ट 23 जुलाई 2022 को मांगी थी। थानायक्ष ने मामले में प्रतिवेदन देने के बजाय चुप्पी साध ली। विशेष न्यायाधीश लवकुश कुमार ने मामले में सख्त रुख करते हुए अबतक प्रतिवेदन नहीं सौंपने पर थानाध्यक्ष को न्यायालय के आदेश की अवमानना को लेकर नोटिस जारी कर दिया था। तब उनसे पूछा गया था कि क्यूं नहीं आपके विरुद्ध न्यायालय की अवमानना का केस चलाया जाए। थानाध्यक्ष को सात सितंबर 2022 को सदेह उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था।
27 फरवरी 2022 को हुई फर्जी मृत्यु का सच जांच में उजागर
पिता ने 27 फरवरी 2022 को नीरज की फर्जी मौत की जानकारी देते हुए 19 अप्रैल 2022 को मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करा लिया था। प्रशासनिक अधिकारियों की जब जांच शुरू हुई तो नीरज की मौत की बात गलत साबित हुई। उसकी तरफ से इकट्ठा किए गए साक्ष्य भी गलत साबित हुए। गांव में भी जांच हुई। नीरज के रिश्तेदार, गोतिया, गांव वाले यहां तक कि पंच तारा देवी, वार्ड अध्यक्ष आरती देवी समेत तमाम लोगों ने मृत्यु की बात को गलत करार दिया था।