राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पाठ्यक्रम से शुरू हुआ परिवर्तन का दौर अब साइकिलों के रंग पर पहुंच चुका है. पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान वर्ष 2013 में 9वीं कक्षा में जाने वाली बालिकाओं मुफ्त साइकिल देने की योजना शुरू की गई थी, इस योजना को भाजपा सरकार ने भी जारी रखा था. किन्तु वर्ष 2016-17 के सत्र से भाजपा सरकार ने इन काली साइकिलों का रंग बदलकर भगवा कर दिया था. जिसे त्याग और बलिदान के रूप में पेश किया गया था, किन्तु कांग्रेस की सरकार के फिर से सत्ता में आने के साथ ही अब साइकिलों का रंग काला होने के संकेत दे दिए हैं. जिसके बाद सियासी गलियारों में फिर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है.
2013 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने स्कूल में पढ़ने वाली बालिकाओं के लिए साइकिल बांटने की योजना शुरू की थी और पहले ही साल 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लगभग 3 लाख छात्राओं को मुफ्त साइकिलों का वितरण किया गया. 2013 में भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद भी इस योजना को छात्राओं के हित में आगे बढ़ाने का फैसला लिया. भाजपा सरकार ने वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 के सत्र में काले रंग की साइकिलें बांटी गईं.
किन्तु, वर्ष 2016-17 के सत्र में भाजपा सरकार की तरफ से इन साइकिलों का रंग बदलने का फैसला लिया गया, जो सत्र 2016-17, सत्र 2017-18 और सत्र 2018-19 में तीन वर्ष तक जारी रहा. इसमें लगभग 9 लाख से अधिक केसरिया साइकिलों का वितरण किया गया था. वर्ष 2018 में सत्ता में आने के साथ ही कांग्रेस ने इन साइकिलों का रंग बदलने की कवायद में लग गई हैं. जिसको अब इस सत्र से मूर्त रूप दिए जाने की रणनीति तैयार कर ली गई है.