अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संशोधित ट्रैवल बैन ऑर्डर पर साइन किए. इस ऑर्डर के तहत 90 दिनों तक छह मुस्लिम देशों के लोग अमेरिका नहीं आ पाएंगे. नए ऑर्डर में इराक का नाम शामिल नहीं है. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी सीन स्पाइसर ने इसकी पुष्टि की है.
गौरतलब है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही इराक समेत सात मुस्लिम बहुल देशों पर ट्रैवल बैन लगाते हुए ऑफिशियल ऑर्डर पर साइन किए थे, लेकिन अदालतों ने उसे रोक दिया. इसे लेकर दुनियाभर में ट्रंप की आलोचना हुई थी.
नए ऑफिशियल ऑर्डर में सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों 90 दिनों का वीजा नहीं दिया जाएगा. जिन लोगों के पास पहले से लीगल वीजा है, उनपर यह लागू नहीं होगा.
ऑर्डर के मुताबिक, अगर किसी शख्स के पास 27 जनवरी, 2017 (शाम पांच बजे से पहले) तक वैध वीजा था, तो उसे अमेरिका में आने से नहीं रोका जाएगा. इसके अलावा जिसके पास ऑफिशियल ऑर्डर के लागू होने के दिन लीगल वीजा था, उसे भी नहीं रोका जाएगा.
ऑर्डर में कहा गया है, ’90 दिनों की यह अवधि विदेशी नागरिकों द्वारा आतंकवादियों और अपराधियों के घुसपैठ को रोकने के लिए मानदंड तय करने और समीक्षा करने का वक्त देगी.”
न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल देंगे आदेश को चुनौती
वहीं दूसरी ओर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल एरिक शेनिडरमैन का कहना है कि वे ट्रंप के नए आदेश को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार हैं.
एरिक ने कहा, “व्हाइट हाउस ने भले ही बैन में बदलाव किए हों, लेकिन मुसलमानों के प्रति भेदभाव की मंशा साफ है. यह ना सिर्फ ट्रंप की तानाशाही नीतियों के बीच फंसे परिवारों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है और हमें कम सुरक्षित बनाता है. देश भर की अदालतें साफ कर चुकी हैं कि ट्रंप संविधान से ऊपर नहीं हैं.”
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