इस रिपोर्ट में कहा गया, “एमपीसी वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकती है। नीति विवरण के साथ एमपीसी के मिनट भी हमारे विश्वास की पुष्टि करते हैं कि एमपीसी घरेलू विकास संबंधी चिंताओं के मद्देनजर वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 25 बीपीएस की कटौती पर विचार कर सकती है।”

गौरतलब है कि रेपो रेट की मौजूदा दर 6 फीसद है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसमें कमी होने से सभी तरह के लोन सस्ते होने की उम्मीद बढ़ जाती है क्योंकि बैंकों को आरबीआई से कम दर पर कर्ज मिलता है तो बैंक के तरफ से भी ग्राहकों को सस्ता लोन देने की गुंजाइश बढ़ जाती है।