चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर चैत्र शुक्ल नवमी तक चलता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि पर अष्टमी पूजा का विशेष महत्व होता है। अष्टमी तिथि पर मंत्रोचार और हवन के माध्यम से मां दुर्गा से सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को समस्त प्रकार के दुखों, कष्टों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गाष्टमी की रात में किसी प्राचीन दुर्गा मंदिर में जाकर देवी मां के चरणों में 8 कमल के पुष्प चढ़ाएं।
अपने जीवन के दुर्भाग्य को दूर करने के लिए दुर्गा अष्टमी की रात में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रात 12 बजे गाय के घी का एक दीपक जलाएं।
घर परिवार में सदैव सुख-शांति के लिए अष्टमी की रात को अपने घर में अथवा दुर्गा मंदिर में दुर्गाष्टमी का पाठ करें।
धन के स्रोत बढ़ाने के लिए अष्टमी की रात महागौरी के स्वरूप को दूध से भरी कटोरी में विराजित कर चांदी का सिक्का चढ़ाएं।
दुर्गा अष्टमी की रात देवी मंदिर गुपचुप तरीके से माता रानी के सोलह श्रृंगार भेंट करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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