बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) के माध्यम से प्राप्त धन को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
भाजपा ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से किया भ्रष्टाचार- राजद
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जदयू पर उसके द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष कथित तौर पर किए गए खुलासे को लेकर निशाना साधा। जदयू ने कथित तौर पर कहा कि अप्रैल, 2019 में यहां पार्टी कार्यालय में किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक सील बंद लिफाफा सौंपा जिसे खोलने पर उसमें दस करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड पाए गए। तिवारी ने कहा, ‘‘जो कहा गया उससे यह स्पष्ट है कि भाजपा ने खुद चुनावी बॉन्ड के माध्यम से भ्रष्टाचार किया, और अपने सहयोगियों को आर्थिक लाभ प्राप्त करने में भी मदद की है। भाजपा और जद (यू) 2019 में गठबंधन में थे।”
राजद को अपने संदिग्ध सौदों पर सफाई देने की जरूरत- जदयू
जद (यू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनाव आयोग के सामने बताए गए आंकड़ों और एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) द्वारा बताए गए आंकड़ों में विसंगति के संबंध में राजद को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘एडीआर के अनुसार, राजद को उस अवधि के दौरान चुनावी बांड के माध्यम 2.5 करोड़ रुपए मिले, जबकि एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पार्टी को 4.5 करोड़ रुपए मिले थे। जद (यू) द्वारा बताए गए आंकड़े का कम से कम मिलान किया जा सकता है। राजद को अपने संदिग्ध सौदों पर सफाई देने की जरूरत है।”