विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि इस मामले में अपनी सैद्धांतिक स्थिति के तहत हम चीन से उसके इस पहल पर सार्थक बातचीत का आग्रह कर चुके हैं। हम चीन की तरफ से सकारात्मक उत्तर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कोई भी देश संप्रभुता और क्षेत्रीय एकता पर उसकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज करने वाली परियोजना को स्वीकार नहीं करेगा।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट वन बेल्ट-वन रोड पर चीन दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत चीन सड़क, रेल, जल और वायु मार्ग से यूरोप और अफ्रीका से संपर्क बढ़ाएगा। इससे वह दुनिया के सुदूर हिस्सों को अपनी व्यापारिक गतिविधियां से जोड़ेगा, कच्चा और तैयार माल भेजेगा व मंगवाएगा।
पुतिन समेत 29 देशों के प्रमुख होंगे शामिल
चीन ज्यादा देशों की उपस्थिति को सम्मेलन की सफलता से जोड़कर देख रहा है। इसी के चलते वह भारत सहित सभी प्रमुख देशों को सम्मेलन और वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका और जापान, चीन के साथ अपने मतभेदों को दरकिनार करते हुए इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 29 देशों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।
चीन ने अमेरिकी विरोध को नकारा
सिल्क रोड योजना पर हो रहे सम्मेलन में चीन सभी देशों के शामिल होने का स्वागत करता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने यह बात अमेरिका की उस चेतावनी पर कही है, जिसमें सम्मेलन में उत्तर कोरिया के भाग लेने से गलत संदेश जाने की आशंका जताई गई है। फिलहाल अमेरिका इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है। परमाणु बम और मिसाइल परीक्षण के मुद्दे पर उत्तर कोरिया और अमेरिका, दक्षिण कोरिया व जापान के बीच इन दिनों तनातनी चरम पर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषषद ने उत्तर कोरिया पर व्यापक आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं।