
गौरतलब है कि सोमवार रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. पांच दशकों में यह भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा सैन्य टकराव था. भारत ने गलवान घाटी पर संप्रभुत्ता के चीनी सेना के दावे को खारिज कर दिया और बीजिंग से अपनी गतिविधियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपनी ओर तक सीमित रखने के लिए कहा. इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दावा किया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ छह सप्ताह से सीमा पर बने गतिरोध की स्थिति पर शुक्रवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया और ना ही भारतीय चौकियों पर कब्जा किया गया है. चतुर्वेदी ने टि्वटर पर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल देश को आश्वस्त किया कि चीन ने भारत की किसी चौकी/क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया लेकिन यहां चीन गलवान घाटी पर अपना दावा जता रहा है.
हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित चतुर्वेदी ने कहा, यह अस्वीकार्य है और सरकार को इस पर जवाब देने की जरूरत है. क्या हमने गलवान घाटी को सौंप दिया या वहां से पीएलए को खदेड़ दिया? देश जानना चाहता है.
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