चिन्‍मयानंद केस: पिता के साथ प्रयागराज गई छात्रा, हाई कोर्ट में लगा सकती गुहार

पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री चिन्‍मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा आधी रात बाद प्रयागराज रवाना हो गई। एसआइटी ने छात्रा को रंगदारी मांगने का आरोपित बनाया है।

ऐसे में उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि हाई कोर्ट की शरण लेकर वह कार्रवाई से बचने का प्रयास कर सकती है।

शनिवार रात करीब एक बजे छात्रा, उसके पिता व भाई घर से बाहर निकले। उनके साथ हाई कोर्ट की महिला वकील शुभांगी सिंह और अंशुल भी थे। पांचों लोग एक कार से सुरक्षाकर्मियों के साथ प्रयागराज के लिए रवाना हो गए।

उन्होंने इससे बारे में एसआइटी को अवगत कराने के साथ ही एंट्री रजिस्टर में भी इसका जिक्र किया है। छात्रा की मां व उसकी छोटी बहन घर में हैं। कुछ सुरक्षा कर्मी छात्रा के घर के बाहर बैठे हुए हैं। उन्होंने घर के बाहर लगे चैनल पर अंदर से ताला डाल लिया है।

हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार

एसआइटी ने तीनों युवकों के अलावा छात्रा को चिन्मयांनद से रंगदारी मांगने का आरोपित बनाया है। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है, लेकिन छात्रा व उसके पिता ने एसआइटी पर शासन के दबाव में नाम शामिल करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद से एसआइटी ने इस मामले में गेंद हाई कोर्ट के पाले में डालने की तैयारी की है। 

सोमवार को हाई कोर्ट में एसआइटी टीम को मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि हाई कोर्ट छात्रा पर कार्रवाई को लेकर कोई आदेश दे सकती है।

आइजी गए बाहर

एसआइटी प्रभारी आइजी नवीन अरोड़ा शनिवार सुबह ही जिले से बाहर चले गए थे। जबकि टीम के कुछ सदस्य दस्तावेज लेकर रविवार सुबह प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं। हालांकि एसआइटी के कुछ सदस्य अभी भी यहां रुके हुए हैं। 

चिन्‍मयानंद 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में

छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। एसआइटी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उन पर धारा 376 सी, 354 डी, 342, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

चिन्मयानंद के कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो वायरल कर उन पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआइटी) को सौंपी थी। एसआइटी ने चिन्मयानंद से कई बार लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

रंगदारी के आरोपितों को भी जेल

24 अगस्त को चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह की ओर से भी एक मुकदमा दर्ज किया कराया गया था, जिसमें कहा गया कि चिन्मयानंद के मोबाइल पर वाट्सएप मैसेज भेजकर उनसे पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई।

रुपये न देने पर बदनाम करने की धमकी दी। एसआइटी इस प्रकरण की भी जांच कर रही थी। रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा के दोस्त संजय सिंह, उसके तहेरे भाई दुर्गेश, मौसेरे भाई सचिन सेंगर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें भी कोर्ट में पेश किया था जहां से जेल भेज दिया गया।

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