प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की दोपहर प्रयागराज से सीधे चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोड़ा गांव पहुंचे और सबसे पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। इसके बाद मंच पर उनके पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतीक चिह्न भेंट करके स्वागत किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम देश के अन्नदाता की चिंता करते हैं, उनकी बेहतरी के लिए सोचते हैं। हमारी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना करने का फैसला हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग हो, दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना हो, हर स्तर पर सरकार ने काम किया है।
किसानों की आय बढ़ाने की अहम यात्रा का, आज भी एक अहम पड़ाव है। यहां पर हमने देश के हर प्रांत के किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया है। देश में किसानों से जुड़ी जो नीतियां थी, उन्हें हमारी सरकार ने निरंतर नई दिशा दी है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसान की लागत घटे, उत्पादकता बढ़े और उपज के उचित दाम मिले। इसके लिए बीते पांच वर्ष में बीज से बाजार तक अनेक फैसले लिए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेसवे पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के जन जीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा। करीब 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ये एक्सप्रेसवे यहां रोजगार के कई अवसर लाएगा और यहां के सामान्य जन को बड़े-बड़े शहरों जैसी सुविधा से जोड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी का सौभग्य है कि ग्रामोदय से राष्ट्रोदय का नाना जी ने जो संकल्प लिया उसको साकार करने वाली हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और शुरुआत चित्रकूट की पवित्र धरती से हो रही है। भारत पुरातन परंपराओं को बदलते हुए, समय की आवश्यकताओं के साथ पिरोकर उन्हें जीवंत रखने के प्रयोग भी इसी धरती पर हुए हैं।
भारत रत्न, राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख ने यहीं से भारत को स्वावलंबन के रास्ते पर ले जाने का व्यापक प्रयास शुरु किया था। इस धरती ने भारतीयों में मर्यादा के नए संस्कार गढ़े हैं। प्रभु श्रीराम आदिवासियों से, वन्य प्रदेश में रहने वालों से कैसे प्रभावित हुए थे, इसकी कथाएं अनंत हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि चित्रकूट के घाट पर हुई संतन की भीड़। आज आपको देखकर आपके इस सेवक को कुछ-कुछ ऐसी ही अनुभूति हो रही है। चित्रकूट सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि भारत के पुरातन समाज जीवन की संकल्प स्थली और तप स्थली भी है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेली बोल से लोगों को मोहित कर दिया। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में रामजी अपने भाई लखन और सिया जी के साथ इतई निवास करत है। जासे हम मर्यादा पुरुषत्तम राम की तपोस्थली में आप सभी को अभिनंदन करत हौं, इतई बहुत सारे बहुत सारे जन्म लाओ है, उन्हें भी हमाऔ नमन।
उन्होंने कहा कि भाइयों और बहनों मैं सबसे पहले क्षमा मांगता हूं क्योंकि हमने हेलीकॉप्टर से देखा कि जितने लोग अंदर उससे ज्यादा पंडाल के बाहर हैं। इस असुविधा के लिए मैं क्षमा मांगता हूं लेकिन इतनी बड़ी तादात देखकर मानता हूं कि गोस्वामी तुलसीदास ने कहा था कि चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़। आप सभी को देखकर आपके इस सेवक को भी कुछ ऐसी अनुभूति हो रही है।
चित्रकूट एक स्थान नहीं बल्कि भारत के पुरातन जीवन की काल की संकल्प स्थली और तपोस्थली है, इस धरती ने मार्यादा और आदर्श मिले हैं। भारत पुरातन परंपराओं को बदेलते हुए उन्हें जीवंत रखने के प्रयोग भी इसी धरती पर हुए हैं। भारत रत्न नानाजी देशमुख ने यहीं से भारत को स्वावलंबन के रास्ते पर जाने का व्यापक प्रयास किया था। दो दिन पहले नानाजी को पुण्यतिथि पर श्रदधपूर्वक मनायी गई। उनके ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के संकल्प और सपने को साकार करने वाली हजारों करोड़ों की योजनाओं की शुुरुआत चित्रकूट की धरती से हो रही है।
पीएम ने कहा कि बुंदेलखंड को विकास के एक्सप्रेस पर ले जाने वाला बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पूरे जनजीवन को बदलने वाला सिद्ध होगा। करीब पंद्रह हजार करोड़ की लागत से बनने वाला एक्सप्रेस वे यहां रोजगार के हजारों अवसर तैयार करेगा। सामान्य जन को बड़े बड़े शहरों और उकेन जैसी सुविधा से जोड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलंदेखंड एक्सप्रेस का शिलान्यास करने के बाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके बाद देश भर के दस चुनिंदा किसानों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पहली बार बुंदेलखंड के हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति माननीय प्रधानमंत्री की अनुकंपा से शुरू होने जा रही है।
देश तथा प्रदेश में पहले जाति, क्षेत्र, भाषा, मजहब के आधार पर हमारे व्यापक सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने वाले लोग किस प्रकार की राजनीति करते थे, बुंदेलखंड इसका उदाहरण है।
आजादी के बाद पहली पहली बार इस देश का गांव, इस देश का किसान, इस देश का नौजवान, इस देश की महिलाएं देश के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बन पाए हैं। आज चित्रकूट की इस पावन धरती पर बुंदेलखंड विकास की नींव को एक नई ऊंचाइयां प्रदान करने के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। हम इनका तहेदिल से स्वागत करते हैं।
इस दौरान पंडाल में भारत माता की जय और जय श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मंच से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया। इसके साथ वह किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित करेंगे।
हेलीकॉप्टर दोपहर करीब डेढ़ बजे चित्रकूट में उतरा। यहां पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट धाम की एतिहासिकता की प्रदर्शनी को देखा और फिर इसके बाद मंच पर पहुंचे।
मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतीक चिह्न देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। इस दौरान बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की जानकारी स्क्रीन पर एक क्लिप के जरिए दी गई। इससे पहले औद्योगिक विकास मंत्री ने एक्सप्रेस वे और डिफेंस कॉरीडोर के बारे में बताया।
इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बुंदेलखंड की पावन धरती पर प्रधानमंत्री जी का आगमन और उपस्थित से निश्चित ही यहां के विकास के मार्ग को प्रशस्त करने का संकेत देती है। एक समय था बुंदेलखंड का क्षेत्र विकास की बाट जोह रहा था लेकिन आज एक्सप्रेस वे के माध्यम से यहां की अकेले तस्वीर ही नहीं तकदीर भी बदलने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि एफपीओ किसान की आय बढ़ाने के काम आएगा और पूरे हिंदुस्तान में अपना उत्पाद बेचने के लिए द्वारा खुल जाएंगे। किसानों को केसीसी कार्ड बंटेंगे और एफपीओ मील का पत्थर साबित होगी।
कृषि मंत्री के संबोधन के बाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का एक वर्ष पूरा होने के बाद किसानों की जुबानी फायदा मिलने की क्लिप दिखाई गई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर कृषक उत्पादन संगठन एफपीओ का शुभारंभ किया।
इसमें देश के 25 लाख किसानों को मुफ्त किसान क्रेडिट कार्ड वितरण को मूर्तरूप देंगे। मंच पर पीएम मोदी यूपी के साथ ही कर्नाटक, आसोम समेत नौ राज्यों के किसानों को अपने हाथों से किसान क्रेडिट कार्ड सौंपेंगे।
चित्रकूट प्रधानमंत्री के स्वागत को मंच तैयार है। हेलीपैड से मंच के बीच कृषि योजनाओं, बुंदेलखंड की पेयजल योजनाओं, चित्रकूट के पौराणिक, ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है। साथ मे बुंदेली लोकनृत्य को लेकर विशेष आयोजन को सांस्कृतिक मंच भी सजाया गया है।
बुंदेलखंड के लोगों में पीएम मोदी को सुनने का खासा उत्साह दिखाई पड़ रहा है। झांसी मीरजापुर हाईवे पर पैदल लोगों के जत्थे जनसभा स्थल की ओर बढ़ रहे हैं। जनसभा स्थल को 48 ब्लॉक में बांटकर बैठने की व्यवस्था की गई है।
आजादी के बाद भी वर्षों से विकास की राह तलाश रहे बुंदेलखंड का इंतजार आज खत्म हो जाएगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर में चित्रकूट के भरतकूप के गोंड़ा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर पीएम सम्मान निधि पाने वाले किसानों को मुफ्त किसान क्रेडिट कार्ड व देश भर के दस हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) की लॉन्चिंग भी होगी।
जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। डेढ़ घंटे में शिलान्यास व जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री डिफेंस कॉरिडोर समेत दूसरी घोषणाएं भी कर सकते हैं। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, जिले के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी,लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय समेत कई केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्री शिलान्यास समारोह के गवाह बनेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करता हूं। उनकी यह यात्रा दिव्यांगजनों के सेवार्थ समर्पित है। पीएम मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे और इस यात्रा से किसान भाइयों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में आज उन्नति का सूर्योदय होगा।
पीएम के इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम हैं। उनके कार्यक्रम स्थल पर 126 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ बगैर अनुमति ड्रोन के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिस और पीएसी के साथ दस कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई गई है। मंच और आसपास की जगह की निगहबानी एसपीजी सीधे तौर पर कर रही है। पीएम मोदी इस मौके पर लोगों को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्रकूट में देशभर में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की शुरुआत करेंगे। करीब 86 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास देश में औसतन जोत क्षेत्र 1.1 हेक्टेयर से भी कम है।
किसानों की आय दोगुना करने (डीएफआई) की रिपोर्ट में 2022 तक 7,000 एफपीओ के गठन की सिफारिश की गई है। केंद्र सरकार ने अगले 5 साल में किसानों के लिए भारी उत्पादन के कारण लागत में बचत सुनिश्चित करने के लिए 10,000 नए एफपीओ का गठन करने की घोषणा की है।