चावल, दाल और रोटी भारतीय समाज का सबसे लोकप्रिय भोजन है. लेकिन चावल के बारे में कई लोगों को गलत फेहमी होती है जिसके चलते लोग चावल नहीं कहते या फिर इसे खाना छोड़ देते हैं. हम यहां पर Myths About Rice के बारे में बात करेंगे. चावल के बारे में आप अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुन सकते हैं कि यह फैट बढ़ाता है. लेकिन अगर आप भी यही सोचते हैं तो हम आपको बता देते हैं कुछ सच्चाई इसके बारे में.
अगर हम अपने भारतीय खान-पान के संदर्भ में प्राचीन समाज की बात करें तो चावल, रोटी, दाल और सब्जी का कॉम्बिनेशन अमीरों का भोजन होता था, जिसे लोग एक संतुलित आहार मानते थे. तो जानिए इसके कुछ मिथक.
चावल में ग्लूटेन होता है
चावल एक ग्लूटेन-फ्री फूड है. यह उन लोगों को लिए बेहतर होता है जिनको ग्लूटेन (सीलिएक रोगी) से एलर्जी होती है. सफेद चावल हो या भूरा चावल सभी ग्लूटेन फ्री होते हैं. ग्लूटेन-फ्री डायट किसे खानी चाहिए ? इस सवाल की जानकारी जिसे नहीं पता वो भी चावल पर ज्ञान दे देता है.
चावल से फैट बढ़ता है
जब भी वजन घटाने की बात आती है तो अक्सर लोग खान-पान में चावल का उपयोग बंद करने की बात करते हैं. हर कोई यह कहता है की चावल से फैट बढ़ता है. लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है. यह बहुत कुछ उसकी मात्रा पर निर्भर करता है.
चावल को फैट के लिए जिम्मेदार बताना गलत है. चावल की कितनी मात्रा आप खाते हैं यह उस बात पर निर्भर करती है. चावल के प्रकारों पर भी ध्यान देना होता है जैसे लाल चावल, भूरा चावल, काला चावल और सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला सफेद चावल.
आप डेली थोड़ा सा चावल अपने डाइट में शामिल करते हैं तो इससे फैट न बढ़ने की संभावना कम होती है. सच बात तो यह है कि चावल विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है.