चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को सजा मिलने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार (24 मार्च) को टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि कानून अपना काम करता है. उन्होंने कहा, कानून अपना काम करता है. इसपर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है. ना ये कोई पार्टी का जजमेंट है. जैसी करनी, वैसी भरनी.’ रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार (24 मार्च) को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार गबन मामले में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा सुनाई है.
वहीं दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कहा कि लालू राज में बिहार में पशुओं पर भी रहम नहीं किया गया. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने शनिवार (24 मार्च) को कहा, ‘लालू के कार्यकाल में सबित हुआ है कि बिहार में पशुओं को भी नहीं बख्शा गया. जदयू ने कोर्ट के फैसले प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लालू और उनके परिवार के लिए यह मुश्किल वक्त है. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार को लेकर लालू प्रसाद को चिंतन करना चाहिए कि उनकी गलतियों का खामियाजा राज्य के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.’ जदयू ने कहा कि अपनी गलितयों को लेकर लालू प्रसाद को मंथन और चिंतन करना चाहिए कि उन्होंने बिहार में किस तरह गलत फैसले लिए, जिसकी मार बिहार की जनता पर पड़ी.
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के दुमका कोषागार से जुड़े चौथे मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अलग-अलग धाराओं के तहत 7-7 साल की दो सजा सुनाई. यानि उन्हें 14 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही उन पर 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उनकी सजा की अवधि एक साल और बढ़ जाएगी.
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