पटना, चारा घोटाला के डोरांडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में रांचाी स्थित सीबीआइ कोर्ट के विशेष जज एसके शशि ने वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी 38 दोषियों को सजा दी। इस मामले में दोषी पाए गए लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा दी गई है। उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें रिम्स (अस्पताल) में भर्ती कराया है। रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेलर यासिन खान के अनुसार सजा सुनने के लिए रिम्स स्थित पेईंग वार्ड के लालू के कमरे में लैपटॉप की व्यवस्था की गई। लैपटॉप के जरिए बीमार लालू प्रसाद यादव कोर्ट में ऑनलाइन हाजिर हुए। कानूनी विशेषज्ञों की राय में लालू को तीन साल से अधिक की सजा मिलने के कारण तुरंत जमानत नहीं मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट का रूख करना होगा। हालांकि, लालू परिवार, उनके वकील व आरजेडी को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है।
डोरांडा कोषागर मामले में दोषी पाए गए हैं लालू
विदित हो कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपितों को दोषी करार दिया था। इनमें से 38 लोगों को जेल भेज दिया गया। अदालत ने उसी दिन 35 दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। साथ हीं 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी किया। अदालत ने सात महिलाओं समेत 24 आरोपितों को बरी भी कर दिया। लेकिन लालू प्रसाद यादव सहित कुछ लोगों को सजा देने के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया गया। अदालत ने आज लालू के अलावा पूर्व विधायक आरके राणा और पशुपालन विभाग के पूर्व सचिव बेक जूलियस की सजा का भी ऐलान किया।
आरजेडी सुप्रीमो को मिली पांच साल की सजा
लालू प्रसाद यादव समेत 41 दोषियों की किस्मत का फैसला रांची सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायधीश एसके शशि अपराह्न डेढ़ बजे के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। लालू सहित सभी दोषियों को जेल से ही वर्चुअल माध्यम से अदालत में पेश किया गया। अस्वस्थ लालू प्रसाद यादव रांची के रिम्स (अस्पताल) के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। सजा के ऐलान के पहले से वे बेहद तनाव में थे।
अब लालू यादव को जमानत में होगी मुश्किल
दिल्ली हाईकोर्ट में वरीय अधिवक्ता अजित पाठक एवं नलिन लोचन सहाय कहते हैं कि अदालत ने लालू को सरकारी धन के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और साजिश रचने के आरोपों में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 409, 467, 468, 471, 477ए तथा पीसी एक्ट की धाराओं 13 (2),13 (1), (सी) के तहत दोषी करार दिया है। इन धाराओं के तहत न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। तीन साल से अधिक की सजा मिलने के कारण तत्काल जमानत की उम्मीद नहीं है। जमानत के लिए अब उन्हें हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का रूख करना पड़ेगा। कानूनी प्रावधानों के अनुसार तीन साल से अधिक की सजा की स्थिति में लालू प्रसाद यादव को तत्काल जमानत नहीं मिलेगी।
परिवार व पार्टी को जमानत मिलने की उम्मीद
लालू परिवार को उम्मीद कि इस मामले में उन्हें जमानत मिल जाएगी। हालांकि, प्रक्रिया के पूरा होने तक उन्हें कुछ सप्ताह तक जेल में रहना होगा। लालू के करीबी एवं आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने कहा कि जमानत के लिए वे जल्द ही हाईकोर्ट में अपील करेंगे। अदालत पर भरोसा है। जमानत मिल जाएगी। बचाव पक्ष के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि वे लालू यादव के खराब स्वास्थ्य व चारा घोटाला में अभी तक जेल में बिताए समय को देखते हुए वे जमानत की उम्मीद कर रहे हैं।