चाणक्य नीति कहती कि पति-पत्नी का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि बड़ी से बड़ी परेशानियां भी इसे हानि नहीं पहुंचा पाती हैं. लेकिन एक छोटी सी बात इस मजबूत रिश्ते को हिला सकती है. क्योंकि ये रिश्ता प्रेम और विश्वास पर कायम है. जब इन दोनों में से किसी भी एक पर आंच आती है तो ये रिश्ता बिखरने लगता है और अपने साथ तनाव, कलह और आर्थिक संकटों को भी लेकर आता है. इसलिए सुखद दांपत्य जीवन के लिए पति-पत्नी के रिश्ते में इन बातों को कभी नहीं आने देना चाहिए-
झूठ- चाणक्य नीति कहती है कि झूठ हर रिश्ते को कमजोर करता है. यही झूठ जब पति और पत्नी के बीच में आ जाता है तो कई तरह की दिक्कतों को जन्म देता है. इसलिए पति और पत्नी के रिश्ते में झूठ के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
क्रोध- चाणक्य नीति कहती है कि क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. क्रोध में व्यक्ति मन और मस्तिष्क से अपना नियंत्रण खो देता है, और कभी कभी ऐसा कार्य कर जाता है कि उसे बाद में शर्मिंदा होना पड़ता है. ये स्थिति न बने इसके लिए क्रोध से दूरी बनाकर रखना चाहिए. क्रोध पति और पत्नी के रिश्ते में दूरियां पैदा करता है. जो आगे चलकर गंभीर समस्याओं को भी जन्म देता है.
संवादहीनता- चाणक्य नीति कहती कि पति और पत्नी के रिश्ते में कभी भी संवादहीनता जैसी स्थितियां नहीं बननी चाहिए. जब पति और पत्नी के रिश्ते में बातचीत का क्रम प्रभावित होने लगता है, तो भ्रम की स्थितियां पनपने लगती हैं, संवादहीनता से कई तरह की गलतफहमियों पैदा होती हैं जो इस रिश्ते को कमजोर करने का कार्य करती हैं. इसलिए इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.