चंद्रयान 2: चंद्रमा की सतह में है बहुत कुछ, जानिए चांद पर पहुंचने वाले पहले आदमी की कहानी

चंद्रयान-2 के चांद पर उतरते ही बहुत से रहस्यों से पर्दा उठेगा। 22 जुलाई को चंद्रमा की ओर बढ़े कदम अब अपने मुकाम तक पहुंचने वाले हैं। इस मिशन से हमें चांद की धरती की बहुत- सी बातों जैसे चांद कैसे बना? उसमें बदलाव क्यों होते हैं? चांद के राज अंतरिक्ष के रहस्यों से कैसे जुड़े हैं? वहां पानी है, पर कितना है? कौन से खनिज हैं? जैसे जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। 

क्यों खास है चंद्रयान-2?

चंद्रयान-2 भारत का एक महत्वाकांक्षी मिशन है जो आज आधी रात को चांद के अंधेरे वाले हिस्से में उतरेगा। इस जगह पर अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। यहां पर ये चांद की ऐसी जानकारियां जुटाएगा या वहां ऐसी खोज करेगा, जिससे अनेक छिपी हुई जानकारियां सामने आएंगी।
चांद पर पहुंचा आदमी
चांद पर सबसे पहले उतरने वाले आदमी नील आर्मस्ट्रांग थे। इनके साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे। अपोलो अंतरिक्ष यान में सवार होकर इन्होंने चंद्रमा के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने की कोशिश की थी। नील आर्मस्ट्रांग ने चांद की धरती पर कदम रखते हुए कहा था कि चांद की सतह बहुत सख्त है और यहां की मिट्टी रेगिस्तान जैसी है।
अंतरिक्ष में खोज की राह आसान होगी

इस मिशन के जरिए चंद्रमा की पूरी जानकारी मिल जाएगी तो अंतरिक्ष में खोज की राह आसान हो सकती है। कई सारी बातों के बारे में पता चलेगा और हम चांद पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष को पूरी तरह जान पाएंगे। चंद्रयान-2 इसी दिशा में आगे बढ़ेगा। ये अभियान खोजकर्ताओं, वैज्ञानिकों और आम लोगों के लिए अंतरिक्ष की समझ को बढ़ाएगा।
पानी को लेकर मिलेगी बड़ी जानकारी

चंद्रयान-1 ने तो चंद्रमा पर पानी होने के प्रमाण खोज निकाले थे, अब चंद्रयान-2 का यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि चांद की सतह और उपसतह के कितने हिस्से में पानी है।
वहां कौन-कौन से खनिज हैं। किस किस्म की चट्टानें हैं और क्या वहां भूकंप आता है? साथ ही वहां की मिट्टी की विशेषताएं क्या हैं? चंद्रयान जिस हिस्से में उतरेगा उस हिस्से में पहले कोई  देश नहीं पहुंचा हैं। इस अंधेरे हिस्से यानी साउथ पोल में और अधिक पानी होने के आसार हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com