चंडीगढ़ : संजीव जीवा की तर्ज पर भुप्पी राणा को मारने की थी साजिश

गैंगस्टर भुप्पी राणा की हत्या करने आए दो शूटरों को क्राइम ब्रांच ने सेक्टर-43 स्थित न्यायालय परिसर के पास से दबोच लिया है। ये दोनों गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे बताया जा रहे हैं। ये दोनों अदालत में पेशी के दौरान गैंगस्टर भुप्पी राणा की हत्या करने पहुंचे थे। अदालत परिसर में हत्या को अंजाम देने की पूरी तैयारी में थे। ये वकील की ड्रेस में अदालत परिसर में पहुंचकर वारदात करना चाहते थे। इसके लिए एलांते से वकील की ड्रेस भी खरीद ली थी लेकिन इससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया। इनकी पहचान हरियाणा के जिला रोहतक के किला मोहल्ला निवासी सन्नी उर्फ सचिन उर्फ मैडी मनचंदा और रोहतक के ही पीर जी मोहल्ला निवासी उमंग के रूप में हुई है। 

दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनकी मदद ग्रेटर फरीदाबाद निवासी कैलाश गौतम उर्फ टाइगर कर रहा था, इसलिए पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बुधवार को तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। यह जानकारी बुधवार को प्रेसवार्ता में एसपी केतन बंसल ने दी।

पुलिस के मुताबिक अपराध शाखा प्रभारी अशोक कुमार को रविवार रात सूचना मिली कि न्यायालय परिसर के पास दो युवक अवैध हथियार के साथ एक पंजाब नंबर की स्कूटी पर घूम रहे हैं। वे पेशी के दौरान किसी गैंगस्टर की हत्या करने के लिए आए हैं। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। एसपी केतन बंसल के निर्देश पर डीएसपी उदयपाल सिंह ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया। 

टीम ने रात 11:45 बजे वहां नाका लगाकर सन्नी और उमंग को गिरफ्तार कर लिया। इनकी तलाशी लेने पर एक पिस्टल और चार कारतूस मिले। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि इनकी मदद कैलाश उर्फ टाइगर कर रहा है। उसे गिरफ्तार करने पर एक पिस्टल और दो कारतूस मिले। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि भुप्पी राणा की हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए पूजा भी उनको ज्वाइन करने वाली थी मगर इससे पहले ही वे पकड़े गए। शूटरों ने यह भी बताया कि उन्होंने मोहाली और पंचकूला की अदालतों की भी रेकी की थी।

एलांते माल से खरीदी थी वकील की दो ड्रेस

शूटरों ने रेकी कर भुप्पी राणा की हत्या अदालत में पेशी के दौरान करने की योजना बनाई थी। इसके लिए शूटरों ने एलांते माल से 40 हजार रुपये में वकील की दो पोशाक भी खरीदी थी। इसका बिल भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। इनमें से एक महिला और दूसरी पुरुष वकील की पोशाक है। पुलिस से बचने के लिए हर रोज वे अलग-अलग ठिकानों पर फर्जी आईडी पर रुक रहे थे।

हर रोज आ रहे थे 50 हजार से ज्यादा रुपये

दोनों शूटर पिछले करीब 10 दिन से चंडीगढ़ में रेकी करने का काम कर रहे थे। इनके पास खर्चे के लिए हर रोज 50 हजार से ज्यादा रुपये पहुंच रहे थे। ये रुपये कभी कैश तो कभी बैंक खाते में आते थे। शूटरों तक रुपये पहुंचाने का काम विक्की चौहान कर रहा था। वह गोल्डी बराड़ का नजदीकी बताया जा रहा है। हर दो दिन बाद वे मोबाइल तोड़कर नया ले लेते थे और नई सिम भी ले लेते थे।

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