गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दुओं के लिए बड़ा ख़ास होता है. इस पर्व पर गणेश जी का पूजन होता है जो बड़ा ख़ास माना जाता है. ऐसे में आप जानते ही होंगे गणेश चतुर्थी पर मिट्टी के गणेश जी की स्थापना की जाती है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं मिट्टी के गणेश ही क्यों…? आइए बताते हैं.

मिट्टी के गणेश ही क्यों –
* शिवपुराण के अनुसार श्रीगणेश जन्म की कथा में बताया है कि ‘देवी पार्वती ने पुत्र की इच्छा से मिट्टी का ही पुतला बनाया था, फिर शिवजी ने उसमें प्राण डाले थे। वो ही भगवान गणेश थे।’
* इसके अलावा शिव महापुराण में धातु के नहीं बल्कि पार्थिव और मिट्टी की मूर्ति को ही महत्व दिया गया है.
* अगर लिंग पुराण को माने तो उसके अनुसार शमी या पीपल के पेड़ की जड़ की मिट्टी की मूर्ति बनाना शुभ होता है. इसी के साथ गंगा तीर्थ और अन्य पवित्र जगह से भी मिट्टी लेकर भी गणपति बनाए जा सकते हैं.
* आप चाहे तो जहाँ से भी मिट्टी लें वहां ऊपर से चार अंगुल मिट्टी हटाकर, अंदर की मिट्टी लेंगे तो बेहतर होगा इसे भगवान गणेश की मूर्ति सुंदर बनेगी.
* अगर विष्णुधर्मोत्तर पुराण को माने तो उसके अनुसार गंगा और अन्य पवित्र नदियों की मिट्टी से बनी मूर्ति की पूजा करने से हर तरह के पाप खत्म होने लगते हैं.
* भविष्यपुराण के अनुसार सोना, चांदी और तांबा से बनी मूर्तियों के साथ ही मिट्टी की मूर्ति को भी बहुत पवित्र मानते हैं और इसके अलावा विशेष पेड़ों की लकड़ियों से बनी मूर्तियां भी पवित्र होती है.
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