घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां चल रहीं थीं। माहौल मातमी था। इसी 'मुर्दें' में हरकत होने लगी और परिजन शमशान के बदले अस्‍पताल भागे। लेकिन डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सारण के मुफस्सिल थाना इलाके में सोमवार को हुई। करंट से हो गई मौत मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करेंगा गांव में एक महिला को करंट लगी। परिजन उसे छपरा सदर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए। घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं। शव में हुई हरकत इसी बीच शव में कुछ हरकत देखी गई। पूरे इलाके में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली कि मुर्दे में जान लौट आई है। परिजनों ने अंतिम संसकार की तैयारियां रोककर मृत घोषित महिला के साथ अस्‍पताल का रूख किया। लेकिन, वहां उसे फिर मृत घोषित कर दिया गया। हंगामा पर उतर आए परिजन फर्द बयान के बाद भी तरैया थाने में दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी यह भी पढ़ें इसके बाद परिजन आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना था कि महिला जीवित थी तो पहले समय पर उसका इलाज क्‍यों नहीं किया गया। उनके अनुसार इलाज में लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई। छपरा-थावे रूट पर 11 अक्टूबर से चलेगी छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस यह भी पढ़ें अस्‍पताल का लापरवाही से इनकार दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया है। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. एचसी प्रसाद ने बताया कि मरीज की मौत की पुष्टि पूरी जांच के बाद की गई थी। मौत के बाद शरीर में आने वाले परिवर्तनों के कारण कभी-कभी अंगों में हरकत हो सकती है। संभव है कि इस मामले में भी ऐसा हुआ हो, जिससे परिजनों को जीवित होने का भ्रम हो गया हो।

घर में अंतिम संस्‍कार की चल रही थी तैयारी, अचानक मुर्दे में हुई हरकत, फिर…

घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां चल रहीं थीं। माहौल मातमी था। इसी ‘मुर्दें’ में हरकत होने लगी और परिजन शमशान के बदले अस्‍पताल भागे। लेकिन डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सारण के मुफस्सिल थाना इलाके में सोमवार को हुई। घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां चल रहीं थीं। माहौल मातमी था। इसी 'मुर्दें' में हरकत होने लगी और परिजन शमशान के बदले अस्‍पताल भागे। लेकिन डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सारण के मुफस्सिल थाना इलाके में सोमवार को हुई।   करंट से हो गई मौत  मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करेंगा गांव में एक महिला को करंट लगी। परिजन उसे छपरा सदर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए। घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं।  शव में हुई हरकत  इसी बीच शव में कुछ हरकत देखी गई। पूरे इलाके में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली कि मुर्दे में जान लौट आई है। परिजनों ने अंतिम संसकार की तैयारियां रोककर मृत घोषित महिला के साथ अस्‍पताल का रूख किया। लेकिन, वहां उसे फिर मृत घोषित कर दिया गया।  हंगामा पर उतर आए परिजन   फर्द बयान के बाद भी तरैया थाने में दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी यह भी पढ़ें इसके बाद परिजन आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना था कि महिला जीवित थी तो पहले समय पर उसका इलाज क्‍यों नहीं किया गया। उनके अनुसार इलाज में लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई।     छपरा-थावे रूट पर 11 अक्टूबर से चलेगी छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस यह भी पढ़ें अस्‍पताल का लापरवाही से इनकार  दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया है। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. एचसी प्रसाद ने बताया कि मरीज की मौत की पुष्टि पूरी जांच के बाद की गई थी। मौत के बाद शरीर में आने वाले परिवर्तनों के कारण कभी-कभी अंगों में हरकत हो सकती है। संभव है कि इस मामले में भी ऐसा हुआ हो, जिससे परिजनों को जीवित होने का भ्रम हो गया हो।

करंट से हो गई मौत

मिली जानकारी के अनुसार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करेंगा गांव में एक महिला को करंट लगी। परिजन उसे छपरा सदर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले गए। घर में अंतिम संस्‍कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं।

शव में हुई हरकत

इसी बीच शव में कुछ हरकत देखी गई। पूरे इलाके में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली कि मुर्दे में जान लौट आई है। परिजनों ने अंतिम संसकार की तैयारियां रोककर मृत घोषित महिला के साथ अस्‍पताल का रूख किया। लेकिन, वहां उसे फिर मृत घोषित कर दिया गया।

हंगामा पर उतर आए परिजन

इसके बाद परिजन आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा करने लगे। परिजनों का कहना था कि महिला जीवित थी तो पहले समय पर उसका इलाज क्‍यों नहीं किया गया। उनके अनुसार इलाज में लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई।

अस्‍पताल का लापरवाही से इनकार

दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही से इनकार किया है। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. एचसी प्रसाद ने बताया कि मरीज की मौत की पुष्टि पूरी जांच के बाद की गई थी। मौत के बाद शरीर में आने वाले परिवर्तनों के कारण कभी-कभी अंगों में हरकत हो सकती है। संभव है कि इस मामले में भी ऐसा हुआ हो, जिससे परिजनों को जीवित होने का भ्रम हो गया हो।

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