लंबे समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीयों के लिए राहत की खबर है। 7 फीसद ग्रीन कार्ड जारी करने की सीमा बढ़ाने वाले विधेयक को अमेरिकी सांसदों ने मंजूरी दे दी है। इस बिल के पारित होने की वजह से अब ग्रीन कार्ड की संख्या पर लगी लिमिट बढ़ जाएगी। इसका फायदा सीधे तौर पर भारत और चीन के नागरिकों को मिलेगा। अबतक ग्रीन कार्ड की संख्या सीमित होने की वजह से दोनों देशों के नागरिकों को औसतन कम नागरिकता ही मिल पाती थी।
अमेरिकी सांसद ने ग्रीन कार्ड पर मौजूदा सात प्रतिशत की लिमिट को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने वाले बिल को पास कर दिया है। इसकी वजह से लंबे समय से ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे भारत के हजारों कुशल आईटी पेशेवरों को लाभ मिलेगा। अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने वाला व्यक्ति यहां स्थायी रूप से रह और काम कर सकता है।
हजारों भारतीय आइटी पेशेवरों फिलहाल यहां H-1B वर्क वीजा पर ही आते हैं। फेयरनेस ऑफ हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट 2019 को 365 रिपब्लिकन व डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों का समर्थन मिला। 435 सदस्यों वाली संसद में इस बिल के पक्ष में 365 वोट पड़े, जबकि 65 मतों के भारी बहुमत से पारित किया गया।
वर्तमान नियम के मुताबिक किसी भी देश के अप्रवासी वीजा की कुल संख्या के सिर्फ सात फीसद लोगों को ही ग्रीन कार्ड मिलता है, लेकिन नये बिल के पास होने के बाद से संख्या बढ़कर 15 फीसद पहुंच जाएगी। बिल पर अमेरिकी राष्ट्रपति की मुहर लगने आर कानून बनने से पहले इसे अमेरिकी सीनेट द्वारा अभी पारित किया जाना है, जहां रिपब्लिकन बहुमत में हैं।