महामारी के बीच उधारकर्ताओं को कुछ राहत देने के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी अगस्त महीने की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में घोषणा की थी कि जिन लोगों ने पर्सनल लोन लिया हुआ है, लेकिन वे 31 मार्च, 2020 के बाद से इसे समय पर चुकाने में असमर्थ रहे हैं, तो उनके पास इसका पुनर्गठन करवाने का मौका है। इसके बाद लोगों को गोल्ड लोन पर अधिक पैसा उधार लेने का मौका प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान सोने की कीमतों में बंपर उछाल देखने को मिला था और आरबीआई ने भी एलटीवी (लोन टू वैल्यू रेशियो) को बढ़ाकर 90 फीसद कर दिया। पहले जहां एक लाख रुपये कीमत के सोने पर 60,000 से 75,000 तक का लोन मिलता था, वहीं अब 90,000 रुपये तक का लोन मिल रहा है।
स्वर्ण आभूषण की कीमत का 90 फीसद तक ले सकते हैं लोन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने घोषणा की थी कि बैक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFCs) जैसी ऋण देने वाली संस्थाएं स्वर्ण आभूषण की कीमत के 90 फीसद तक का लोन दे सकती हैं। यह पहले के 75 फीसद से काफी अधिक है। आरबीआई ने कहा था, ‘मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषणों और आभूषणों की प्रतिज्ञा के लिए बैंकों द्वारा स्वीकृत ऋण, सोने के आभूषणों और आभूषणों के मूल्य के 75 फीसद से अधिक नहीं होना चाहिए। परिवारों, व्यापारियों और छोटे कारोबारियों पर कारोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव को देखते हुए यह तय किया गया है कि गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए स्वर्ण आभूषणों पर लोन के लिए लोन टू वैल्यू रेशियो 75 फीसद से बढ़कर 90 फीसद होगा।’
वैधता
आरबीआई के अनुसार, एलटीवी (LTV) में यह राहत केवल 31 मार्च, 2021 तक वैध होगी। यह देखते हुए कि उच्च एलटीवी अगले साल 31 मार्च तक है, पोर्टफोलियो पर जोखिम सीमित अवधि के लिए है।
सोने के दाम टूटने पर
आरबीआई द्वारा की गई इस घोषणा ने गोल्ड लोन को अधिक आकर्षक बना दिया है। हालांकि, पिछले दो महीनों में सोने की कीमतों में गिरावट आई है। एमसीएक्स पर सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर 56,300 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 51,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ गई।
सोने की कीमतों में गिरावट उस ऋण राशि को कम कर देती है, जो एक व्यक्ति उधार ले सकता है। मौजूदा गोल्ड लोन उधारकर्ताओं क लिए, जिन्होंने उस समय लोन लिया था, जब सोना उच्च स्तर पर था, यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि अगर कीमतें मौजूदा स्तर से और नीचे गई, तो बैंक उन्हें आंशिक भुगतान करने के लिए कह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अनावश्यक विवाद हो सकता हैं और उधारकर्ता पर अतिरिक्त मार्जिन की व्यवस्था का पालन करने का दबाव बन सकता है।
क्या आप गोल्ड लोन लेने का सोच रहे हैं?
अगर आप गोल्ड लोन लेने का सोच रहे हैं, तो एक बार इस पर अवश्य विचार कर लेना चाहिए। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप 100 ग्राम स्वर्ण आभूषण पर बैंक से लोन लेना चाहते हैं। बैंक इस सोने की कीमत 4 लाख रुपये लगाता है और आपको 90 फीसद एलटीवी के अनुसार, 3.6 लाख रुपये का लोन दे देता है। इसके बाद सोने की कीमतें 47,000 के स्तर तक गिर जाती हैं। ऐसे में आपका बैंक आपसे मार्जिन के तौर पर अतिरिक्त 10 ग्राम सोना जमा कराने या लोन राशि में से कुछ हजार रुपये का पुनर्भुगतान करने के लिए कह सकता है। इसलिए आपको गोल्ड लोन लेते समय इस परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।