देश के लगभग हर घर में खाना पकाने के लिए गैस सिलिंडर का प्रयोग होता है, लेकिन कई बार उपभोक्ता गैस कनेक्शन लेने के बाद इस पर मिलने वाले फायदे से अंजान होता है। ऐसे में कई लोग इसका फायदा उठाकर उपभोक्ताओं को ठगी का शिकार भी बना लेते हैं। उपभोक्ताओं के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए आइए हम आपको कुछ नियम बताते हैं, जिनके पालन से न सिर्फ आप सावधान रहेंगे, बल्कि पैसाेेें की भी बचत होगी।
उपभोक्ता के पास इस बात का अधिकार है कि वह अपने गैस सिलिंडर को सीधे गोदाम से जाकर ला सकता है। ऐसा करने पर वह एजेंसी से 19.50 रुपये वापस ले सकता है। ये सभी एजेंसी के कनेक्शन के लिए मान्य है। किसी भी एजेंसी के पास यह राशि देने से इनकार करने का अधिकार नहीं है। दरअसल, जब आप घर पर सिलिंडर की डिलीवरी कराते हैं, तो यह राशि आपसे उस दौरान ली जाती है, लेकिन अगर आप खुद ही सिलिंडर लाते हैं, तो इस राशि को ले सकते हैं। पहले डिलीवरी चार्ज 15 रुपये था, हाल ही में इसे बढ़ाकर 19.50 रुपये किया गया है।
गोदाम से सिलिंडर लाने के बाद अगर कोई एजेंसी इस राशि को देने से इनकार करती है, तो उपभोक्ता इसकी शिकायत भी कर सकता है। टोल फ्री नंबर 18002333555 पर उपभोक्ता संबंधित गैस एजेंसी की शिकायत करने के लिए स्वतंत्र है।
सिलिंडर का रेगुलेटर अगर लीक हो रहा है, तो उपभोक्ता इसे फ्री में एजेंसी से बदलवा सकता है। इसके लिए उपभोक्ता के पास एजेंसी का सब्सक्रिप्शन वाउचर होना चाहिए। वाउचर होने पर लीक होने वाले रेगुलेटर को लेकर एजेंसी जाना होता है, जहां वाउचर और रेगुलेटर नंबर का मिलान होने पर रेगुलेटर को बदल दिया जाता है। उपभोक्ता को इसके लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं चुकानी पड़ती है।
सिलिंडर के रेगुलेटर के डैमेज होने पर भी एजेंसी को इसे बदलना पड़ता है। हालांकि, इसके लिए उपभोक्ता को राशि चुकानी पड़ती है। एजेंसी कंपनी टैरिफ के हिसाब से उपभोक्ता से राशि जमा करवाती है। वर्तमान में यह राशि 150 रुपये तक है।
अगर रेगुलेटर चोरी हो जाता है और आप चाहते हैं कि एजेंसी नया रेगुलेटर मुहैया कराए। इसके लिए आपको पुलिस में एफआईआर दर्ज करवानी होगी। फिर एफआईआर रिपोर्ट की कॉपी को एजेंसी में जमा करना होता है, जिसके बाद एजेंसी आपको रेगुलेटर बदलकर देगी।
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए अब मल्टीफंक्शनल रेगुलेटर भी बाजार में उपलब्ध हैं, इनके जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि सिलिंडर में कितनी गैस बची हुई है। बता दें कि रेगुलेटर की लाइफ टाइम वारंटी होती है। लेकिन इसमें मैन्युफैक्चरिंग खामी होने पर इसे फ्री में बदला जाता है।