ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी से लोकसभा के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) सरकार का राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की ओर उठाया गया पहला कदम है।
ओवैसी ने कहा कि ‘वे नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार एनपीआर कर रहे हैं, तो क्या यह एनआरसी से जुड़ा नहीं है? गृह मंत्री देश को क्यों गुमराह कर रहे हैं? उन्होंने संसद में मेरा नाम लिया और कहा कि ‘ओवैसी जी एनआरसी देश भर में लागू किया जाएगा।’
ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह साहब, जब तक सूरज पूरब से उगता रहेगा, हम सच कहते रहेंगे। एनपीआर, एनआरसी की ओर पहला कदम है। जब अप्रैल 2020 में एनपीआर किया जाएगा, तो अधिकारी दस्तावेजों के लिए कहेंगे… अंतिम सूची एनआरसी होगी। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा था कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है।
साक्षात्कार में गृहमंत्री ने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा था कि “मैं ओवैसी जी के रुख से हैरान नहीं हूं। अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है, तो ओवैसी साहब कहते हैं कि यह पश्चिम से उगता है। लेकिन मैं ओवैसी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है और यह भी कि ये दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं।
बता दें कि अमित शाह की यह टिप्पणी मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद आई है। कैबिनेट बैठक में भारत की जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये और एनपीआर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है।