गुजरात में भ्रष्ट अधिकारियों की ‘दरियादिली’, EMI में रिश्वत देने की दे रहे सुविधा

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को गुजरात के सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार होने की शिकायतें मिली हैं। इसमें कई मामलों में तो भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने किस्तों में रिश्वत की राशि चुकाने की व्यवस्था की। साबरकांठा निवासी एक व्यक्ति से दो पुलिस अधिकारियों ने 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपये की मांग रखी।

रिश्वत लेने के कई मामले आए सामने- गुजरात एसीबी महानिदेशक

गुजरात एसीबी के महानिदेशक शमशेर सिंह ने बताया कि सरकारी अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने के कई मामले सामने आए हैं। ऐसा लगता है अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करने व रिश्वत लेने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दिया। जिन मामलों में शिकायतकर्ताओं ने एसीबी को सुबूत पेश किये हैं, उसकी जांच शुरू हो गई है। मार्च 2024 में फर्जी बिलिंग मामले में जीएसटी के एक अधिकारी पर 21 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा।

रिश्वत की राशि को नौ किस्तों में चुकाने का मामला

अधिकारी ने यह रकम एक साथ देने में असक्षम होने पर आरोपित को तीन लाख रुपये पहले तथा शेष रिश्वत की राशि को नौ किस्तों में चुकाने को कहा। अप्रैल 2024 में एक उप सरपंच ने एक ग्रामीण से 85 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। ग्रामीण की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उप सरपंच ने उसे 35 हजार रुपये पहले तथा बाकी की रकम तीन किस्तों में चुकाने को कहा।

पुलिस अधिकारियों ने मांगी 10 लाख रुपये की रिश्वत

साबरकांठा निवासी एक व्यक्ति से दो पुलिस अधिकारियों ने 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपये की मांग रखी। साइबर क्राइम से जुड़े अधिकारियों ने भी 10 लाख रुपये की रिश्वत चार किस्तों में चुकाने की बात कही।

महानिदेशक सिंह ने बताया कि अप्रैल 2024 में सीआईडी क्राइम के पुलिस निरीक्षक ने एक जांच में किसी व्यक्ति का कंप्यूटर व लैपटॉप जब्त कर लिया था। इसे वापस देने के लिए पांच किस्तों में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।  

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