गुजरात में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 965 नए मामले और 20 मौतों की सूचना मिली है। 11412 सक्रिय मामलों, 34,882 रिकवर व डिस्चार्ज और 2147 मौतों सहित राज्य में कुल मामलों की संख्या 48441 हो गई है। इधर, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गत शुक्रवार को केंद्रीय टीम से मुलाकात से पहले सूरत में एक सौ करोड़ की लागत से 15 दिन में तैयार 1000 बेड की क्षमता वाले स्पेशल कोविड 19 हॉस्पिटल का गांधीनगर से ई लोकार्पण किया था। इसमें 211 बेड आइसीयू होंगे। अकेले सूरत में अब 3300 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें आठ सौ प्राइवेट हैं।
विजय रूपाणी ने टीम के सदस्यों को बताया कि अहमदाबाद में माइक्रोप्लानिंग, घर-घर तक धनवंतरी रथ के माध्यम से जांच व उपचार सुविधा पहुंचाने, एपीएक्स सर्वेलेंस, कंटेनमेंट स्ट्रेटेजी, कोविड वॉर रूम तथा 104 हेल्पलाइन की मदद से कोरोना पर काबू पाया अब सूरत में भी उसी प्लानिंग से काम कर रहे हैं। इस बीच, सूरत-अहमदाबाद में कोरोना विस्फोट को रोकने तथा कोविड19 से निजात पाने के लिए किए जा रहे गुजरात के चिकित्सकों के प्रयासों की समीक्षा के लिए आइसीएमआर के महानिदेशक, एम्स के निदेशक सहित चार सदस्यीय केंद्रीय टीम गुजरात पहुंची। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर पहले भी दो बार केंद्रीय टीम गुजरात का दौरा कर चुकी है।
केंद्रीय टीम के सदस्य इंडियन काउंसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च आइसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने गुजरात के चिकित्सक व मेडिकल जगत के विशेषज्ञों से कई तरह के फीडबैक लिए तथा अपने अनुभव साझा किए। केंद्रीय टीम ने कोरोना संक्रमण के केसों को घटाने पर जोर दिया तथा सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइजर को आम जीवन में अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मधुमेह, अस्थमा, मोटापा, रक्तचाप, हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए तथा लगातार चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए। टीम के सदस्यों ने कोरोना के उपचार में कारगर इंजेक्शन के उपयोग व कालाबाजारी जैसे मुद्दों पर भी चिकित्सकों व विविध मेडिकल एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से चर्चा की।