आरक्षण, किसानों की कर्ज माफी व राजद्रोह के आरोपित युवा पाटीदार अल्पेश कथीरिया को जेलमुक्त करने की मांग को लेकर 19 दिन से आमरण अनशन कर रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल बुधवार अपरान्ह अपना उपवास समाप्त कर दिया है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल पिछले बीस दिनों से अपनी तीन मांगों को लेकर अनशन कर रहे थे। गत सप्ताह वे चार दिन अस्पताल में भी भर्ती रहे, लेकिन उपवास नहीं तोड़ा। पनारा ने कहा कि सरकार सीधे वार्ता को तैयार नहीं है, लेकिन समाज को हार्दिक की जरूरत है इसलिए अनशन को आगे बढ़ाकर हार्दिक की जान जोखिम में नहीं डाल सकते।
हार्दिक पटेल से अमित जोगी ने की मुलाकात
अहमदाबाद में अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी के पुत्र व मरवाही के विधायक अमित जोगी ने मुलाकात की। अमित ने कहा कि हार्दिक पटेल निडरता से हिटलरशाही ताकतों का सामना कर रहे हैं। वह देश के युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी लड़ाई अहंकार और अधिकार के बीच की है। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और हार्दिक का मिशन, विजन और अपोजिशन एक है। जिस तरह से हार्दिक गुजरात के स्थानीय पाटीदार युवाओं को आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
अस्पताल से हार्दिक को छुट्टी
अनशन के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। घर पहुंचे हार्दिक ने फेसबुक लाइव मैसेज में तीनों मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रखने का एलान किया। हार्दिक के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद हार्दिक को शुक्रवार को सोला सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, रात में ही समर्थकों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। घर पहुंचे हार्दिक ने ट्वीट करके आरोप लगाया है कि पुलिस उसे जान से मारने की धमकी दे रही है। हार्दिक ने अपने घर के आसपास पुलिस बल की तैनाती की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से की और कहा कि यहां वाघा बार्डर जैसा दृश्य है।
इस दौरान कुछ पत्रकारों ने जब जबरदस्ती घर में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इस बीच, हार्दिक के समर्थन में पाटन से ऊंझा तक बड़ी संख्या में लोगों ने जुलूस निकाला। जुलूस में कांग्रेस के दो विधायक भी शामिल थे।