केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने वीरवार को एक सादे और भावपूर्ण समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राज्य उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने उन्हें शपथ दिलाई। इससे पूर्व सुबह लेह में आरके माथुर ने केंद्र शासित राज्य लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रुप में शपथ ली।
मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जीसी मुर्मू को केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल नियुक्त किए जाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी वारंट ऑफ एपवायंटमेंट पढ़ा। राजभवन श्रीनगर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा सांसद जुगल किशोर और राज्यसभा सांसद व पीडीपी नेता नजीर अहमद लावे भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।
गौरतलब है कि पीडीपी जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने और अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ है। पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त से ही राज्य प्रशासन ने एहतियातन हिरासत में रखा हुआ है।
एकीकृत राज्य जम्मू-कश्मीर में लागू राष्ट्रपति शासन भी वीरवार को जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजित होने के साथ ही समाप्त हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संदर्भ में आवश्यक आदेश भी जारी कर दिया है।
एकीकृत जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत दो केंद्र शासित राज्यों के रूप में पुनर्गठित हुआ है। एकीकृत जम्मू-कश्मीर में 18 जून, 2018 काे महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद पहले राज्यपाल शासन और उसके बाद दिसंबर 2018 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख में राष्ट्रपति शासन को हटाए जाने का आदेश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया है। इस संदर्भ में जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान दो के तहत प्राप्त शक्तियों के तहत मैं रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति भारत अपने द्वारा 19 दिसंबर, 2018 को उपरोक्त अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर राज्य से संबधित अपने आदेश को वापस लेता हूं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत ही जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। यह अनुच्छेद केंद्र शासित राज्यों पर लागू नहीं होता है।
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