तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले ढाई महीने से दिल्ली-एनसीआर के 4 बॉर्डर (शाहजहांपुर, गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर) पर चल रहा प्रदर्शन जारी है। सोमवार को भी चारों बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करते दिखे। इस बीच दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला।
गाजीपुर बॉर्डर पर सोमवार को राकेश टिकैत कूड़ा बीनने वाले बच्चों को बड़ी तल्लीनता के साथ पढ़ाते नजर आए। उनका यह रूप देखकर उनके साथ मौजूद किसान प्रदर्शनकारी तो सामान्य दिखे, लेकिन मीडिया को उनका यह अंदाज अनोखा लगा। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जो चीज हमारे पास उसे दूसरों को बांटने में क्या हर्ज है? ज्ञान तो ऐसी चीज है जो बांटने से बढ़ता है। मैं तो चाहता हूं कि यह ज्ञान ये बच्चों औरों में भी बांटे। गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने सोमवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पाठशाला लगाई और कूड़ बीनने वाले बच्चों को गिनती और पहाड़े सिखाए।
उधर, एक दिन पहले रविवार को हरियाणा के करनाल जिले में महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मौत का कोई दुख नहीं है। हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल किसानों की मौत का मजाक उड़ा रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने का वक्त आएगा। वह वोट मांगने आए तो सबक सिखा दें। अगले चुनाव के लिए तैयार रहें।
करनाल की इंद्री की अनाज मंडी में रविवार को आयोजित महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता किसान नेता टिकैत ने कहा कि जिन लोगों ने आमजन को बहका कर केंद्र में सत्ता हासिल की, अब वे देश बेच रहे हैं। तमाम सरकारी उपक्रम बेचे जा रहे हैं। अनेक युवा बेरोजगार हो गए। अब किसान ही देश के भविष्य का फैसला करेंगे।
वहीं, पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन नहीं, वैचारिक क्रांति शुरू हुई है। यह विचारों से ही खत्म होगी। सरकार मामला सुलझाना चाहती है तो अपना नंबर दे, हमारे नेता बात कर लेंगे।
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