गर्मी ने कम किया उत्साह, 65 फीसदी मतदान, राजनीतिक दल असमंजस में

2019 की तुलना में 5.34 फीसदी मतदान कम रहा है। राजनीतिक दल असमंजस में हैं। मगर अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। 65 फीसदी का आंकड़ा रात आठ बजे तक का है। 2004 में 66.72 फीसदी, 2009 में 67.49, 2014 में 71.45 फीसदी, 2019 में 70.34 फीसदी मतदान दर्ज हुआ था।

भीषण गर्मी व लू ने हरियाणा के मतदाताओं के उत्साह पर पानी फेर दिया है। राज्य की दस लोकसभा सीटों पर कुल 65 फीसदी मतदान हुआ। यह आंकड़ा रात आठ बजे तक का है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.34 फीसदी मतदान हुआ था। पिछली बार की तुलना में इस बार करीब 5.34 फीसदी कम मतदान हुआ।

वहीं, करनाल विधानसभा उपचुनाव में 57.8 फीसदी मतदान हुआ। मतदान कम होने से राजनीतिक दल असमंजस में हैं। देर रात तक सभी गुणा-भाग करने में जुटे रहे। हालांकि भाजपा व कांग्रेस ने जीत के दावे किए हैं। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि मतदान कम या ज्यादा से किसको फायदा या नुकसान होता है, इस बारे में कोई खास स्पष्टता नहीं है। इतना तय है कि चार जून को नतीजे चौंका सकते हैं।

हरियाणा की दस लोकसभा सीटों व करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए शनिवार को मतदान की प्रक्रिया पूरी होने साथ ही 223 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। छिटपुट झड़पों को छोड़कर पूरे प्रदेश में मतदान शांतिपूर्ण रहा। मतदान कम होने के पीछे भीषण गर्मी और मतदाताओं की उदासीनता को माना जा रहा है।

शनिवार को सभी जिलों में 41 से 46.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। कड़ी धूप होने से दोपहर में लोग घरों से नहीं निकले। पिछले चार चुनावों को देखें तो इस बार सबसे कम मतदान देखा गया है। 2004 में 66.72 फीसदी, 2009 में 67.49, 2014 में 71.45 फीसदी, 2019 में 70.34 फीसदी मतदान दर्ज हुआ था।

कुछ जगहों पर धीमा मतदान, ईवीएम खराब होने और मतदाता सूची में नाम होने की शिकायत भी मिली। राज्य में सबसे ज्यादा मतदान सिरसा लोकसभा सीट में 69 फीसदी हुआ। पिछले चुनाव में इस सीट पर 75.99 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे कम मतदान फरीदाबाद लोकसभा सीट पर 59.7 फीसदी रिकॉर्ड हुआ।

इस लोकसभा सीट पर पिछले साल 64.1 फीसदी मतदान हुआ था। राज्य में मतदान प्रक्रिया सुबह छह बजे शुरू हो गई थी। सुबह के समय मतदाताओं का रुझान काफी अच्छा देखा गया। खबर लिखे जाने तक मतदान का आंकड़ा अपडेट करने का कार्य जारी था, जिससे मतदान प्रतिशतता बढ़ने की संभावना है।

जहां किसान आंदोलन का असर, वहां ज्यादा मतदान
मतदान के आंकड़े बता रहे हैं कि जिन इलाकों में किसान आंदोलन का असर था, वहां ज्यादा मतदान हुआ है। पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र में देखा गया। इन जगहों पर मतदान अच्छा हुआ है। माना जा रहा है कि किसानों ने यहां पर बंपर वोटिंग की है।

चौंका सकते हैं नतीजे : विशेषज्ञ
दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइसेंज और रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के एकेडमिक अफेयर्स के पूर्व डीन प्रो. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मतदान कम होने के पीछे दो वजह हैं, एक तो 2019 की तरह लोगों में उत्साह नहीं था। पिछले चुनाव में राष्ट्रवाद व सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दे छाए थे, जिसकी वजह से लोग मतदान केंद्रों में गए थे। दूसरा बड़ा कारण इस बार गर्मी ज्यादा थी। खासकर बीमार व बुजुर्गों ने वोट डालने से परहेज किया है। उन्होंने बताया कि पुराने ट्रेंड व शोध बताते हैं कि मतदान कम या ज्यादा होने का परिणाम मिश्रित रहा है। किसी को भी फायदा या नुकसान हो सकता है। इतना तय है कि चार जून को नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं। जिस तरह से सत्ता पक्ष के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी, उससे ऐसा लगता है कि भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सबसे अधिक मतदान वाले तीन जिले

  • यमुनानगर            71.4
  • फतेहाबाद            69.9
  • सिरसा             69.6


सबसे कम मतदान वाले तीन जिले

  • फरीदाबाद 57.0
  • गुरुग्राम            57.9
  • सोनीपत 60.5


लोकसभा क्षेत्रवार मतदान की स्थिति
लोकसभा क्षेत्र मतदान % 2019             मतदान % 2024            

  • अंबाला             71.11                         66.9
  • कुरुक्षेत्र             74.29                         66.2
  • सिरसा             75.99                         69.0
  • हिसार             72.33                         64.6
  • करनाल             68.35                         63.2
  • सोनीपत             71.02                         62.2
  • रोहतक             70.52                         64.5
  • भिवानी-महेंद्रगढ़ 70.48                         65.2
  • गुड़गांव             67.33                         60.6
  • फरीदाबाद             64.1                         59.7
  • कुल             70.34                         65


लोकतंत्र के महापर्व में जिस उत्साह और उमंग के साथ हरियाणा के देवतुल्य मतदाताओं ने भाग लेकर अपनी सजगता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया, उसके लिए सभी मतदाता बंधुओं को हार्दिक बधाई व धन्यवाद। मुझे पूरा विश्वास है कि हरियाणा की दस लोकसभा सीट और एक विधानसभा सीट पर कमल खिलने जा रहा है। देश में तीसरी बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। -नायब सिंह सैनी, सीएम हरियाणा

इंडिया गठबंधन ने जमीनी मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा, जिसका असर पूरे हरियाणा में देखने को मिला। इसलिए चार जून को उत्साहवर्धक नतीजे देखने को मिलेंगे। लोकसभा चुनाव के नतीजे के साथ ही हरियाणा में भी बदलाव की शुरुआत हो जाएगी और प्रदेश में आने वाली सरकार कांग्रेस की बनेगी। साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को स्ट्रांग रूम की पहरेदारी में खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। -भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम, कांग्रेस

11 जिलों में 25 जगहों पर ईवीएम खराब
करनाल/हिसार/रोहतक/फरीदाबाद। शनिवार सुबह सात बजे के पहले ही बूथों पर मतदाता पहुंचने लगे। आठ बजे तक बूथों पर कतारें लग गईं। इसी दाैरान 11 जिलों में 25 जगहों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी आई। इससे करीब एक घंटे तक मतदान बाधित रहा। कई जगहों पर तो दूसरी मशीनें भी लगानी पड़ीं। सबसे ज्यादा ईवीएम में खराबी की घटना पानीपत और हिसार जिले में आईं। यहां पांच-पांच जगहों पर ईवीएम में तकनीकी खरीबी मिली। फरीदाबाद में भी चार जगहों पर ईवीएम खराब हुई।

मतदान केंद्र पर हृदयाघात से कर्मचारी का निधन
मूलरूप से गांव गंगाना फिलहाल शिव कॉलोनी सोनीपत निवासी वीरेंद्र सिंह (51) शिक्षा विभाग में लिपिक के पद पर थे। वह गांव पुगथला के स्कूल में कार्यरत थे। लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी ड्यूटी गांव सेरसा के मतदान केंद्र पर सहायक पीठासीन अधिकारी के तौर पर लगी थी। वह शुक्रवार शाम को ईवीएम लेकर केंद्र पर पहुंच गए थे। देर शाम सीने में दर्द होने पर उन्हें कुंडली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से सोनीपत रेफर कर दिया गया। देर रात बहालगढ़ रोड स्थित अस्पताल में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

चार जगह कांग्रेस व भाजपा के कार्यकर्ता भिड़े
मतदान के दौरान तीन जिलों में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस दौरान उनमें हिंसक झड़प हुई और पुलिस को मामले को शांत करवाना पड़ा। ये घटनाएं भिवानी की शिवनगर कॉलोनी, यमुनानगर के रामपुरा, अंबाला के मुलाना व महमूदपुर गांव में हुई। हालांकि इनमें से तीन मामलों पुलिस को कोई शिकायत नहीं की गई और न ही कोई गंभीर जख्मी हुआ है। महमूदपुर में भाजपा समर्थकों और गांव के सरपंच में विवाद के बाद पुलिस को शिकायत दी गई है। इनके अलावा, झज्जर, बरवाला, कैथल, हिसार के खेदड़, यमुनानगर व करनाल में भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर मतदान प्रभावित करने के आरोप लगाए हैं।

मतदान के मायने

  • शहर : कम मतदान होने से भाजपा को नुकसान हो सकता है।
  • गांव : अधिक मतदान होने से सत्ता विरोधी लहर का कांग्रेस को लाभ मिल सकता है।
  • जीटी बेल्ट : पंजाब से लगता क्षेत्र, अंबाला में अधिक मतदान से कांग्रेस और कुरुक्षेत्र व करनाल को आस।
  • बागड़ बेल्ट : किसान आंदोलन प्रभावित क्षेत्र,सिरसा में सबसे अधिक 69 प्रतिशत मतदान।
  • देसवाली बेल्ट : हुड्डा के गढ़ में 65 के ऊपर नहीं पहुंच पाया मतदान प्रतिशत।
  • दक्षिण हरियाणा व अहीरवाल : कम मतदान से भाजपा को लाभ मिलने की उम्मीद।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com