गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे 10 आसियान देशों के नेता

गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे 10 आसियान देशों के नेता

‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का है असर

2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने लुक ईस्ट नीति को ऐक्ट ईस्ट नीति में तब्दील कर दिया। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए इस साल गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में दसों आसियान देशों के प्रमुख को बुलाया गया है। भारत की विदेश नीति और एशियाई देशों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिहाज से यह कदम प्रमुख है। आगे देखें किस देश के कौन से नेता होंगे चीफ गेस्ट और भारत के प्रति उनका रुख क्या है…गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे 10 आसियान देशों के नेता
मलयेशिया के साथ भारत के प्रगाढ़ संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कमान संभालने के बाद से मलयेशिया के साथ भारत के संबंध मजबूत हुए हैं। मलयेशियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब बिन तुन अब्दुल रजक 2017 में भारत का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों के बीच व्यावसायिक और आर्थिक संबंध काफी अच्छे हैं।
आंग सान सू ची का भारत से है पूरा रिश्ता

सू-ची ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की है। भारत में कई वर्षों के प्रवास के साथ ही वह कई बार भारत भी आ चुकी हैं। इस साल पीएम नरेंद्र मोदी ने म्यामांर दौरे पर राखाइन प्रदेशों की खुशहाली के लिए विशेष प्रयास करने का वादा किया था।
ली और मोदी की है अच्छी मित्रता

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हसलीन लुंग के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ व्यक्तिगत तौर पर अच्छे संबंध हैं। ली साउथ चाइना सी में भारत की दमदार भूमिका की वकालत कई बार कर चुके हैं। आसियान देशों और ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी के बड़े समर्थकों में से एक सिंगापुर भी है।
इंडोनेशिया के साथ भारत के आर्थिक हित जुड़े

इंडोनेशिया के वर्तमान प्रधानमंत्री जोको विडोडो की पीएम नरेंद्र मोदी से काफी व्यक्तिगत राजनीतिक समानता भी हो। जोकोवि के नाम से मशहूर यह इडोनेशियाई प्रधानमंत्री देश के पहले पीएम हैं जो किसी प्रभावशाली सैन्य अथवा राजनीतिक परिवार से संबंध नहीं रखते हैं। साउथ ईस्ट एशिया में इंडोनेशिया आज सबसे महत्वपूर्ण देश है। भारत के साथ इंडोनेशिया के व्यावसायिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। आसियान में सत्ता संतुलन के लिहाज से भारत और इंडोनेशिया एक तरफ हैं। जोकोवि इससे पहले भी भारत का दौरा कर चुके हैं।
चीन के दोस्त कंबोडिया के PM भी होंगे मेहमान

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन 1985 से ही देश की कमान संभाल रहे हैं। इस वक्त वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं। कंबोडिया को चीन के भरोसेमंद मित्र राष्ट्रों में से समझा जाता है।
ब्रूनेई के सुल्तान दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में से एक

ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्कियाह की गिनती दुनिया के सबसे रईस लोगों में से होती है। सुल्तान के राजनीतिक कौशल का लोहा पूरा विश्व मानता है क्योंकि उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश को एकीकृत रखा है।
वियतनाम के साथ भारत के संबंध हो रहे मजबूत

नुआन जुंग फुक वियतनाम के प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार भारत आ रहे हैं। सिंगापुर के साथ वियतनाम आज भारत का सबसे महत्वपूर्ण डिफेंस पार्टनर है। चीन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में वियतनाम भारत का प्रमुख सहयोगी बनकर उभरा है। 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी वियतनाम का दौरा कर चुके हैं।
दूसरी बार PM मोदी से मिलेंगे लाओस के प्रधानमंत्री

लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलाउन सिसोउलिथ की 2017 में पीएम मोदी से पहली मुलाकात हुई थी। एशियाई राष्ट्रों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिहाज से भारत-लाओस संबंधों को अलग आयाम मिल सकता है।
आतंक की लड़ाई में भारत के साथ है थाइलैंड

थाइलैंड और भारत दोनों ही देश एक-दूसरे के साथ सहयोग की नीति पर काम कर रहे हैं। साउथ ईस्ट एशिया में थाइलैंड भारत की सक्रिय भूमिका की बात कई बार कर चुका है। आतंक के खिलाफ भारत की साझा लड़ाई में थाईलैंड ने भारत का ही पक्ष लिया है।

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