दिल्ली में कांग्रेस-आप के बीच संभावित गठबंधन के कयासों पर विराम लगने से आम आदमी पार्टी के विधायक चिंतित होने शुरू हो गए हैं। उनकी चिंता का मुख्य कारण दिन प्रति दिन कांग्रेस के मजबूत होने को लेकर है। विधायकों का मानना है कि कांग्रेस के मजबूत होने से उनकी जीत की संभावना कम हो रही है।
यही कारण है कि कांग्रेस से आप में गए नेता अब पुन: कांग्रेस में वापसी का जुगाड़ लगाने में लग गए हैं। कांग्रेस नेताओं के अनुसार आप के करीब आठ- से नौ विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। हालांकि पार्टी इनका नाम सार्वजनिक नहीं कर रही। समय आने पर नाम का खुलासा करने का तर्क जरूर रख रही है।
कांग्रेस की ओर से गठबंधन से इंकार करने के बाद आप के अधिकांश विधायकों में बेचैनी है। इसका मुख्य कारण है कि उनको कांग्रेस द्वारा उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की चिंता है।
पिछले चुनावों में विधानसभा में कांग्रेस का सफाया हो गया था जबकि उससे पहले के चुनावों में उसके आठ विधायक जीतने में सफल रहे थे। इसके बाद एमसीडी चुनावों में कांग्रेस ने अपने रिकार्ड में सुधार किया था।
राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही तो बुराड़ी सीट पर भी कांग्रेस को करीब-करीब भाजपा के बराबर वोट मिले थे।
इन चुनावों के बाद से कांग्रेस लगातार अपना जनाधार कायम रख रही है। आप के विधायकों का मानना है कि वर्तमान में परिस्थितियां बदल गई है और कांग्रेस का वोट बैंक वापस आप से कांग्रेस में जा रहा है।
विधायक संदीप कुमार की मुलाकात से लग रहे कयास
आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस से आप में गए कांग्रेसी नेताओं ने अब फिर कांग्रेस में पुन: वापसी के लिए प्रयास आरंभ कर दिए हैं। उक्त कांग्रेसी नेता लगातार प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के अलावा अन्य अपने शुभ चिंतक नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित से आप के निलंबित विधायक संदीप कुमार ने मुलाकात कर इस कयासों को बल दे दिया है। इसी प्रकार चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा का नाम भी प्रमुख तौर पर लिया जा रहा है।
अलका लांबा ने जहां विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष रहे राजीव गांधी को भारत रत्न मुद्दे पर आपत्ति जताई थी और इसी के बाद से लांबा आप में अलग-थलग हैं। कई बार स्वयं अलका लांबा आरोप लगा चुकी है कि उन्हें उनके इलाके के ही कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जा रहा।