स्कॉटलैंड की सरकार ने भारतीय मूल के लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए उन्हें क्लाइड नदी में अस्थि विसर्जन करने की इजाजत दे दी है। यहां बसे हिंदू और सिख लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। स्कॉटलैंड की आबादी लगभग 54 लाख है।
 यहां छह हजार हिंदू और सात हजार सिख रहते हैं।सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद यह फैसला लिया है। अस्थि विसर्जन के लिए क्लाइड नदी के नेवार्क तट पर मौजूद शांत इलाके को चुना गया है। यह स्थान ग्लासगो शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। यहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
यहां छह हजार हिंदू और सात हजार सिख रहते हैं।सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद यह फैसला लिया है। अस्थि विसर्जन के लिए क्लाइड नदी के नेवार्क तट पर मौजूद शांत इलाके को चुना गया है। यह स्थान ग्लासगो शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। यहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
ग्लासगो पोर्ट के अधिकारी डेविड विल्सन का कहना है कि यह मानवता के नजरिए से बेहतर काम है। मामले के संवेदनशील होने के कारण इसमें सभी पक्षों की राय ली गई। अस्थि विसर्जन के लिए चुना गया स्थान सम्मानजनक है। इसी तरह आगे भी हिंदुओं और सिखों की समस्याओं को सुलझाया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण बनाया गया है। नेवार्क बोट क्लब के सदस्यों सहित कुछ लोगों ने अस्थि विसर्जन पर आपत्ति जताई है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि अस्थियों की राख से पानी की गुणवत्ता पर कम प्रभाव पड़ता है लेकिन अन्य वस्तुओं को पानी में नहीं डाला जाना चाहिए। नदी पर अस्थि विसर्जन के लिए रेलिंग बनाई गई है।
2014 में ब्रिटेन ने तय की थी विसर्जन की जगह-
ब्रिटेन ने 2014 में अस्थि विसर्जन के लिए सोर नदी के लीसेस्टरशायर तट पर एक स्थान तय किया था। ब्रिटेन में मौजूद सभी लोग यहां अस्थि विसर्जन के लिए आते हैं। ब्रिटेन की 5.56 करोड़ की आबादी में से 8.17 लाख हिंदू और 4.32 लाख सिख नागरिक हैं।
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