बस्ती शेख स्थित डाकघर की शाखा में तैनात असिस्टेंट पोस्टल आफिसर ने सगाई के चार दिन बाद प्रेमी संग सल्फास निगलकर आत्महत्या कर ली। वहीं लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में दाखिल प्रेमी की हालत भी नाजुक बनी हुई है। मृतका की पहचान रमनप्रीत कौर (31) पुत्री हरजिंदर सिंह निवासी नकोदर के रूप में हुई है, जबकि प्रेमी उमेश सूद हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर का रहने वाला है, जो चंडीगढ़ में एक निजी कंपनी में काम करता है।
शनिवार को युवती एक घंटे की देरी से आफिस पहुंची। दोपहर ढाई बजे के करीब वह सहकर्मियों को सेहत खराब होने का कहकर चली गई। देर शाम को डीएमसी अस्पताल लुधियाना से युवती के परिजनों को पता चला कि बेटी ने जहर निगल लिया है। परिजन अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि बेटी के साथ एक युवक भी है। दोनों ने सल्फास निगली है। शनिवार शाम सात बजे युवती ने दम तोड़ दिया। वहीं, युवक की हालत नाजुक थी। पुलिस को दिए बयान में युवती के पिता हरजिंदर सिंह ने बताया कि बेटी की चार दिन पहले सगाई हुई थी। बेटी ने बताया था कि उमेश उसे मंगनी तोडऩे को दबाव बना रहा है। वह बहुत परेशान थी। पुलिस ने उमेश के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
थाना पांच के एएसआइ निर्मल सिंह ने बताया कि पुलिस जांच के मुताबिक रमनप्रीत और उमेश सूद की काफी समय पहले उक्त डाकघर में ही मुलाकात हुई थी। दोनों में प्रेम संबंध बन गए। रमनप्रीत के घर वालों को पता चला तो वे दोनों की शादी को राजी नहीं हुए। युवती भी घरवालों की बात मानकर उनकी मर्जी के मुताबिक शादी करने को तैयार हो गई। चार दिन पहले ही उसकी किसी दूसरे लड़के से सगाई कर दी गई। युवती परेशान थी। इसी बीच उमेश ने उसे फोन करके मिलने बुलाया। इसके बाद दोनों ने सल्फास निगल ली।
प्रेमिका को तड़पता देख खुद निगली गोली गले से निकाली
शनिवार दोपहर ढाई बजे उमेश अपने भाई की कार नंबर पीबी 01 ए 8393 पर रमनप्रीत से मिलने पहुंचा। दोनों कार से फगवाड़ा की ओर चले गए। फगवाड़ा पहुंचने पर उमेश ने कार को एक पुल के नीचे लगाया। दोनों ने आपस में बातें करते हुए सल्फास की गोलियां निगल ली। रमनप्रीत ने गोली पहले निगली थी, इसलिए जैसे ही उसे उलटी आई तो उमेश ने हलक में अंगुली डालकर गोली निकाल ली। इसके बाद रमन को तड़पता देख उसने अपने दोस्त को फोन किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे उमेश के दोस्त ने दोनों को सिविल अस्पताल (फगवाड़ा) पहुंचाया, जहां से उन्हें डीएमसी लुधियाना रेफर कर दिया।