फूल न केवल हमारे वातावरण को महकाते हैं, बल्कि इनके जरिए कई तरह की शारीरिक, मानसिक और सौंदर्य समस्याओं को हल किया जा सकता है। जी हां, फूलों से हर समस्या का समाधान संभव है, फ्लॉवर थैरेपी द्वारा। अगर आप नहीं जानते, तो हम बता रहे हैं, फ्लॉवर थैरेपी से कैसे होता है स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान जानने के लिए जरूर पढ़ें यह 7 फ्लॉवर थैरेपी टिप्स –
- गुलाब की पत्तियों को दूध में उबालकर नियमित रूप से पीने पर, कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है और इससे सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। गुलाब की पत्तियों को दूध में पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है, और होंठों को गुलाबी करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
- सूरजमुखी के फूलों को नारियल तेल में मिलाकर कुछ दिनों तक धूप में रखें। अब इस तेल का प्रयोग शरीर की मालिश के लिए करें। इस प्रयोग से त्वचा संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं।
- दांत दर्द या मसूढ़ों में सूजन होने पर जूही के पत्तों को चबाकर, देर तक इसका रस मुंह में रहने दें और कुछ समय बाद थूक दें। ऐसा करने से दांत संबंधी सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
- गुड़हल के लाल फूलों का प्रयोग डाइबिटीज और हार्ट संबंधी समस्याओं में किया जाता है। इसके लिए इसे पीसकर मिश्री के साथ खाने से लाभ होता है। इसके अलावा महिलाओं के मासिकधर्म की समस्या में भी यह कारगर उपाय है। साथ ही नारियल तेल में इस फूल को डालकर रखने पर इस तेल का प्रयोग बालों को काला और चमकदार बनाने में किया जाता है।
- मुंह में छाले हो जाने या छिल जाने पर चमेली की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। चमेली की पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा सुबह के समय चमेली के फूलों को आंखों पर रखने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- सौ ग्राम गेंदे के फूल लेकर बीज वाले हिस्से को बारीक काट लें। अब इसे सौ ग्राम शक्कर और 500 मिली पानी के साथ पकाएं। इस प्रयोग से शरीर में ताकत आती है और ताजगी बनी रहती है।
- चंपा, चमंली और जूही के फूलों को नारियल के तेल में उबालकर रखें। अब इस तेल से शरीर की मालिश करें। इससे शरीर में चुस्ती बनी रहती है। साथ ही इस तेल को बालों में लगाने से बाल काले और मुलायम बने रहते हैं।