खुशखबरी: राष्ट्रपित इमैनुअल मैक्रों ने बॉर्डर से लेकर रेस्टोरेंट तक खोलने का आदेश जारी किया

कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया के सामने ऐसी चुनौती पेश की है, जिससे पार पाने में कोई भी मुल्क सफल नहीं हो पाया है. हालात ये हो गए हैं कि महीनों से चले आ रहे लॉकडाउन ने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है.

लिहाजा, इस जानलेवा वायरस के खतरे के साथ जिंदगी को री-ओपन किया जा रहा है. यूरोप के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों में शामिल फ्रांस ने भी अपने दरवाजे खोल दिए हैं. राष्ट्रपित इमैनुअल मैक्रों ने बॉर्डर से लेकर रेस्टोरेंट तक खोलने का आदेश जारी कर दिया है.

फ्रांस में ये फैसले ऐसे हालात में लिए गए हैं जब वहां कोरोना वायरस के प्रसार में काफी गिरावट आ रही है. करीब तीन महीने से जिंदगी पर लगी लॉकडाउन की पाबंदी को अब हटा दिया गया है.

रेस्टोरेंट

कैफे

बार

स्कूल

बॉर्डर

रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति इमैनुअल ने बताया कि 22 जून से नर्सरी, प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल खुल जाएंगे. इतना ही नहीं, अटेंडेंस मैंडेटरी की गई है.

पेरिस के रेस्टोरेंट पूरी तरह खोल दिए गए हैं. इसके अलावा बॉर्डर भी खोल दिए गए हैं. यूरोपीय देशों के यात्रियों को फ्रांस आने की इजाजत दे दी गई है.

जबकि अन्य देशों से आने वाले लोगों को 1 जुलाई से परमिशन दी जाएगी. बता दें कि इससे पहले मई में ही फ्रांस में काफी गतिविधियों को खोल दिया गया था, और लोग घरों से बाहर आने लगे थे.

हालांकि, ब्रिटेन और स्पेन के यात्रियों को सेल्फ क्वारनटीन होने के लिए कहा गया है. दूसरी तरफ अमेरिकन और एशियन देशों समेत अन्य मुल्कों से लोगों की एंट्री अभी नहीं खोली गई है.

इन राहत भरे ऐलान के साथ राष्ट्रपति इमैनुअल ने कोरोना वायरस के खतरे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन इसके खिलाफ पहली जीत की मुझे खुशी है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस ने जब यूरोप में दस्तक दी तो इटली और स्पेन के साथ ही फ्रांस में भी इस वायरस ने जमकर तबाही मचाई. अप्रैल में फ्रांस ने कोरोना वायरस की मार को सबसे ज्यादा झेला.

हालात ये गए थे कि पूरी दुनिया में कोरोना मरीजों की संख्या के लिहाज से फ्रांस टॉप पांच देशों की सूची में पहुंच गया था, लेकिन अब हालात में थोड़ा सुधार देखा गया है. दूसरी तरफ भारत और ब्राजील में तेजी से बढ़े कोरोना संक्रमण के चलते फ्रांस अब फेहरिस्त में थोड़ा नीचे आ गया है.

फ्रांस में कोरोना का पहला केस जनवरी के आखिरी सप्ताह में आया था. इसके बाद मार्च आते-आते यहां आकंड़ा काफी ऊपर जाने लगा. 31 मार्च को फ्रांस में सबसे ज्यादा 7578 केस दर्ज किए गए थे.

फ्रांस में कोरोना मरीजों की संख्या में पिछला सबसे बड़ा इजाफा 27 मई को देखा गया था. लेकिन जून में हालात काफी बेहतर हैं. worldometer के डाटा के मुताबिक, जून में यहां औसतन 700 से कम कोरोना केस आ रहे हैं और मौत का हर दिन का औसत भी 20 के आसपास तक आ गया है.

जबकि एक वक्त था कि फ्रांस में प्रतिदिन हजार या उससे ज्यादा मौत दर्ज हो रही थीं. फिलहाल, 16 जून तक के आकंड़े के मुताबिक, यहां कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 1,94,305 है और 29439 लोगों की मौत हुई है. फ्रांस में अब एक्टिस केस की संख्या 55 हजार तक नीचे आ गई है.

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