बिहार के मैनाताड़ प्रखंड के रामपुरवा गांव में राम जानकी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया गया था. इस यात्रा में इसी इलाके के विधायक और बिहार के गन्ना मंत्री फिरोज अहमद उर्फ खुर्शीद आलम ने भी हिस्सा लिया. मंत्री कलश यात्रा में करीब दस किमी की दुरी तक गए और इस दौरान उन्होंने ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष भी किया.
कलश यात्रा के दौरान नीतीश सरकार में मंत्री पद पर कार्यरत खुर्शीद आलम यात्रा में हाथी पर बैठकर ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते रहे. इस दौरान उन्होंने पैदल चल रहे श्रद्धालुओं से तेज आवाज में नारा बुलंद करने का आग्रह भी किया. मंत्री खुर्शीद आलम के इस रवैये के कारण उनके खिलाफ मुस्लिम संगठनों द्वारा दो बार फतवा भी जारी हो चुका है. लेकिन इन सबकी परवाह किए बिना मंत्री खुर्शीद आलम ने मंदिर की स्थापना के लिए कलश स्थापना की. इस दौरान उन्होंने कहा है कि आपसी सौहार्द बना रहे और सभी लोग भेदभाव को समाप्त कर एक साथ रहें, इसलिए हम ऐसे आयोजनों में शामिल होते रहते हैं.
मंत्री का यह जयघोष उनकी ही पार्टी के एमएलसी को पसंद नहीं आया. जदयू से एमएलसी गुलाम रसूल बलयवी ने खुर्शीद आलम के बयान को इस्लाम के खिलाफ बताया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस्लामिक मुफ्ती और काजी इस मामले पर संज्ञान लेंगे. जदयू नेता ने कहा है कि हर एक मजहब का दायरा होता है. उसे लांघने का प्रयास नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा है कि फतवा जारी करने वाले संगठन इस मामले में कार्यवाही करेंगे. वहीं भाजपा के विधायक संजीव चौरसिया ने खुर्शीद का पक्ष लेते हुए कहा है कि राम का नाम लेने में बुराई क्या है.