जांच में पता चला है कि ये धमकी भरे ईमेल एक रूसी फर्म के स्वामित्व वाले चैट प्लेटफॉर्म से जुड़े mail.ru से भेजे गए थे। Deep Tech का इस्तेमाल खुफिया एजेंसी जांच में कर रही हैं। दिल्ली और अहमदाबाद के स्कूलों को धमकी वाले ईमेल का पता लगाने के लिए डीपटेक का इस्तेमाल किया गया है। आइए जानते हैं कि ये टेक्नोलॉजी क्या होती है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली और अहमदाबाद में स्कूलों को बम से उड़ाने वाले एक फर्जी ईमेल का पर्दाफाश किया है। यह धमकी एक ईमेल के जरिये दी गई थी। पुलिस का मानना है कि ईमेल का मकसद बड़े पैमाने शांति भंग करना है।
यह धमकी भरा इमेल लोकसभा चुनाव के दौरान आया है। इस ईमेल के बारे में पता करने के लिए खुफिया एजेंसियों ने डीपटेक की मदद ली है। आइए जानते हैं कि डीपटेक क्या होता है।
डीपटेक की ली गई मदद
खुफिया एजेंसी ने अपराधी की पहचान करने के लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया। जांच में पता चला है कि ये धमकी भरे ईमेल एक रूसी फर्म के स्वामित्व वाले चैट प्लेटफॉर्म से जुड़े mail.ru से भेजे गए थे। एक तरफ तकनीक की वजह से कई फेक मामले सामने आ रहे हैं तो दूसरी डीपटेक जैसी तकनीक का इस्तेमाल खुफिया एजेंसी जांच में कर रही हैं। अब दिल्ली और अहमदाबाद के स्कूलों को धमकी वाले ईमेल का पता लगाने के लिए डीपटेक का इस्तेमाल किया गया है।
क्या होता है डीपटेक
डीपटेक (Deep Tech) कुछ लोगों के लिए एक नया शब्द हो सकता है। लेकिन इसका मतलब आप आसान भाषा में ‘एडवांस टेक्नोलॉजी’ से समझ सकते हैं। इस तकनीक में आधुनिक चीजें शामिल होती हैं जैसे कि कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और ब्लॉकचेन आदि। इसके अलावा इसके तहत बायोटेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भी शामिल किया जाता है।
वर्तमान डीपटेक की स्थिति की बात करें, तो भारत में लगभग 3000 हजार डीपटेक स्टार्ट-अप इंटरनेट ऑफ थिंग्स (iOT), बिग डेटा, क्वांटम कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स पर काम कर रहे हैं। इसी साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में भी इसको लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई थीं।