अमित शाह ने बीते शनिवार को कहा था कि देश में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। इसके ठीक अगले दिन यानी आज 23 अप्रैल को खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह आखिरकार गिरफ्तार हो गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीते शनिवार बेंगलुरु में एक मीडिया कॉन्क्लेव में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। इसके ठीक अगले दिन यानी कि आज 23 अप्रैल को खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ अमृतपाल सिंह आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। पंजाब पुलिस ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को मोगा से गिरफ्तार किया है। बता दें कि अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पुलिस ने बताया कि अमृतपाल को मोगा से गिरफ्तार किया गया है। मामले को लेकर आगे की जानकारी साझा की जाएगी। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही लोगों से फेक न्यूज शेयर ना करने की बात भी कही है।
अमित शाह ने की थी पंजाब सरकार की तारीफ
बीते शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बेंगलुरु में थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। यह बात गृह मंत्री ने उस दौरान कही जब देश के हर कोने में फरार चल रहे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी। गृह मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अच्छा काम किया है और केंद्र ने सहयोग किया है।
अमित शाह ने बेंगलुरु में एक मीडिया कॉन्क्लेव में कहा था कि यहां खालिस्तान की कोई लहर नहीं है। कई बार, कुछ लोग कोशिश करते हैं, लेकिन सरकार ने अपना काम किया है। पंजाब सरकार ने अच्छा काम किया है और केंद्र सरकार ने उन्हें समर्थन दिया है। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
वहीं, अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और लंबे समय से फरार होने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ मामलों में ऐसा हो जाता है। पहले वह खुलेआम घूमता था, लेकिन अब वह अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकता है।
डिब्रूगढ़ में होगी आगे की पूछताछ
जानकारी के अनुसार अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा। डिब्रूगढ़ में उससे आगे की पूछताछ की जाएगी। अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की तस्वीर भी सामने आई है। समचार एजेंसी एएनआई ने अमृतपाल की ताजा तस्वीर ट्वीट की है।
पंजाब सरकार ने पहले ही दी थी जानकारी
पंजाब सरकार ने बताया था कि पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करने के बहुत करीब है। दरअसल, वकील इमान सिंह खारा ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स दायर की हुई है। जस्टिस एनएस शेखावत की कोर्ट इसकी सुनवाई कर रही थी। इस दौरान सरकार ने बताया कि पुलिस अमृतपाल को पकड़ने के बहुत करीब है। याचिकाकर्ता ने अमृतपाल सिंह को अवैध हिरासत से छोड़ने की मांग की है। खारा का दावा है कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में है।
कौन है अमृतपाल सिंह?
पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ समय से अमृतपाल सिंह का नाम काफी चर्चाओं में रहा है। अमृतपाल को स्वर्गीय संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था का नया प्रधान बनाया गया है। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का जन्म साल 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था, काम के सिलसिले में वह दुबई चला गया और अपने चाचा की एक टांसपोर्ट कंपनी में काम करने लगा।
अलग राज्य की करता रहा है मांग
30 साल का अलगाववादी नेता और खालिस्तानी सहानुभूति रखने वाला अमृतपाल सिंह पिछले 6-7 महीनों के दौरान कट्टरपंथी उपदेशक के रूप प्रमुखता से सामने आया है। खबरों में ये बात भी सामने आई थी कि अमृतपाल सिंह खालिस्तानी आंदोलन चालाने वाले जनरैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक है। वह एक अलग सिख राज्य की मांग को लेकर समय-समय पर भड़काऊ बयान देता रहा है।
दीप सिद्धू का सपना पूरा करना चाहता है अमृतपाल
वारिस पंजाब दे के राजनीतिक भविष्य पर अमृतपाल सिंह कहता है कि मैं इस संगठन की सेवा करते हुए दीप सिद्धू के सपने को पूरा करना चाहता हूं। वह कहता है कि यह संगठन गांव-गांव तक पहुंचेगा। अमृतपाल सिंह के मुताबिक, संगठन के अधिकांश उपकरण सामाजिक गतिविधियों में उपयोग किए जाते हैं।
वारिस पंजाब दे का कैसे बना मुखिया
वहीं, जांच एजेंसियों ने इस बात का पता लगाने की भी कोशिश की थी कि अमृतपाल किस के कहने पर पंजाब आया था। अमृतपाल अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा का रहने वाला है और 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था। बीते साल 2022 सितंबर को दुबई से भारत लौटा। सितंबर में ही वह वारिस पंजाब दे का मुखिया बन गया। अमृतपाल सिंह पिछले साल ही चर्चाओं में आया था। बीते साल 9 दिसंबर को गुरुद्वारा बिहारीपुर में तोड़फाड़ की थी। उसके बाद 13 दिसंबर को जालंधर के गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की गई थी।
19 मार्च को लंदन में खालिस्तानियों ने किया था हंगामा
अमित शाह ने पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग और यूके और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का भी जिक्र किया। इस साल 19 मार्च को खालिस्तान के बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने लंदन में उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों में से एक उसकी बालकनी पर चढ़कर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींच लिया था।
अमृतपाल को पकड़ने के लिए नेपाल में जारी था अलर्ट
खबरों के अनुसार ऐसी जानकारी भी सामने आई थी कि अमृतपाल सिंह भारत से नेपाल और नेपाल से किसी तीसरे देश भागने की फिराक में था। भारत सरकार के अनुरोध पर नेपाल सरकार ने अलर्ट जारी किया था। नेपाल में खासतौर पर अपने एयरपोर्ट पर स्थित दफ्तरों में अलर्ट जारी किया गया था। आशंका थी कि अमृतपाल अपने पासपोर्ट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए किसी तीसरे देश भागने की फिराक में था। लेकिन अब अमृतपाल पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किया गया है।
अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर
वहीं, कुछ दिन पहले अमृतपाल सिंह की पत्नी किरण दीपकौर श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 11:30 बजे के करीब रोका गया था, जिसके बाद किरणदीप कौर से इमिग्रेशन के अधिकारियों ने करीब 3 घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद उनके परिजनों को बुलाया गया और वापस उनके घर जल्लूपुर खेड़ा भेज दिया गया था।
इंग्लैंड की सिटीजन है अमृतपाल की पत्नी
उल्लेखनीय है कि अलगाववादी समर्थक अमृतपाल सिंह ने कुछ महीने पहले ही इंग्लैंड की रहने वाली किरणदीप कौर के साथ शादी रचाई थी। अमृतपाल की पत्नी इंग्लैंड की सिटीजन है और वह लंदन जाना चाहती थी लेकिन उस पर बब्बर खालसा से संबंध होने और फंडिंग के आरोप लगे थे। जानकारी सामने आई थी कि इमीग्रेशन अधिकारियों को किरणदीप कौर ने बताया है कि मैं अपने परिवार से मिलने के लिए जा रही थी।
युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा था अमृतपाल
विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ तैयार किए गए एक मोटे डोजियर में दावा किया गया था कि अमृतपाल मुख्य रूप से मानव बम (खडकू) बनाने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगा हुआ था। वह पिछले साल दुबई से कथित तौर पर पाकिस्तान के ISI और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के इशारे पर भारत लौटा था।