खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ेगा अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह अमृतसर के अजनाला थाने पर हमले के बाद सुर्खियों में आ गया था। उसने देश के गृहमंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। इसके बाद पंजाब पुलिस का शिकंजा कसने पर उसने आत्मसमर्पण कर दिया था। 

खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। अमृतपाल के वकील राजदेव सिंह खालसा ने बुधवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल में उससे मुलाकात की। मुलाकात के बाद राजदेव सिंह खालसा ने अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ने की पुष्टि की।

राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (एनएसए) के तहत बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अमृतपाल को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किया गया था। वह एक साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल पर अमृतसर के अजनाला में पुलिस थाने पर हमला और अलग देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में केस दर्ज है। एडवोकेट खालसा ने जारी एक बयान में कहा, ‘मैंने अमृतपाल को खालसा पंथ के हित में खडूर साहिब से चुनाव लड़ने के लिए कहा, जिस पर अमृतपाल ने पंथक हित में इसे स्वीकार कर लिया।’

साथी को छुड़ाने के लिए किया था थाने पर हमला
फरवरी 2023 में अमृतपाल और उसके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल के समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर यह धावा बोला था। इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। अमृतपाल के खिलाफ उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की।

दुबई में ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़ा था अमृतपाल
अमृतपाल सिंह का जन्म अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में 1993 में हुआ था। महज 12वीं पास अमृतपाल अचानक से दुबई चला गया। वहां पर अमृतपाल ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़ा था। पंजाबी एक्टर और ऐक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने 30 सितंबर 2021 में वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना की थी। दीप सिद्धू ने इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना बताया था। किसान आंदोलन और उसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किला हिंसा मामले में दीप सिद्धू का नाम आया। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से पंजाब लौटते वक्त सोनीपत के पास एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी।  

मार्च में दावा किया गया था कि अमृतपाल अब वारिस पंजाब दे संगठन का नया सर्वेसर्वा है। इसके बाद 29 सितंबर 2022 को अमृतपाल की मोगा के रोडे गांव में दस्तारबंदी हुई थी। इसके बाद अमृतपाल सीधे सरकार और सिस्टम को चैलेंज करने लगा था।  

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