अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की बोर्ड और काउंसिल की सालाना बैठक आयोजित की गई थी जिसमें कुछ अहम फैसले लिए गए। उम्मीद जताई जा रही है कि इन फैसलों से पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों में काफी कुछ बदलेगा साथ ही ये टीमों के लिए मददगार भी साबित होंगे।
आईसीसी की बैठक में कुछ नए नियमों और बदलावों को मंजूरी दी गई है। आईसीसी की इस सालाना बैठक में लिए गए एक बड़े फैसले के तहत धीमी गति से ओवर डालने पर अब कप्तान सस्पेंड नहीं होंगे। इसके बजाए अब पूरी टीम को सजा मिलेगी। इसके अलावा कप्तान व टीम के अन्य खिलाड़ियों पर बराबर जुर्माना लगाया जाएगा।
आईसीसी के मुताबिक धीमी गति से ओवर डालने पर अब सजा में बदलाव किया गया है। अब टीम के कप्तानों पर सस्पेंड होने के खतरा नहीं होगा, लेकिन धीमी गति से ओवर करने पर आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान खिलाड़ियों के अंक काटे जाएंगे। इससे पहले जो नियम था उसके मुताबिक धीमी ओवर गति के लिए कप्तान पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगता था और बाकी खिलाड़ियों पर दस-दस फीसदी जुर्माना लगाया जाता था। अगर तीन मैचों में ऐसा लगातार होता था को कप्तान पर बैन लगा दिया जाता था। अब आईसीसी के नए नियम से कप्तानों को बड़ी राहत मिलेगी।
आईसीसी ने एक अन्य नियम में भी बदलाव किया है। इसके तहत गेंद से चोटिल खिलाड़ी की जगह दूसरा खिलाड़ी ले सकता है। इस नए नियम की शुरुआत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज के साथ होगी। आईसीसी ने कहा कि जैसा खिलाड़ी होगा उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी भी वैसा ही होना चाहिए। यानी गेंदबाज चोटिल होता है तो उसकी जगह गेंदबाज आएगा और बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज ही लेगा। हालांकि इस तरह से बदलाव के लिए मैच रेफरी की मंजूरी की जरूरत होगी। ये नियम एक अगस्त से लागू होगा यानी एशेज के दौरान एजबेस्टन में होने वाले पहले टेस्ट मैच से इसकी शुरुआत होगी।
आईसीसी ने इन नियमों पर अपना परीक्षण पहले ही शुरू कर दिया था। घरेलू स्तर पर इसके परीक्षण के तौर पर इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में की थी। इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पुरुष व महिला वनडे और बीबीएल में इसे लागू किया था। शेफील्ड शील्ड में इसे लागू करने के लिए उसे आईसीसी की मंजूरी का इंतजार करना पड़ा था। उसे मंजूरी 2017 में मिली थी। पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं थीं जिनमें खिलाड़ी के सिर पर गेंद लगने से वो चोटिल हुए और फिर टीम के कम खिलाड़ियों के साथ खेलने को मजबूर होना पड़ा था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब ये नया नियम शुरू किया गया है।
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के दौरान अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान को न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर में चोट लगी थी। एक गेंद उनकी हेलमेट से जाकर टकराई थी और वो चोटिल हो गए थे। इसके बाद वो खेल नहीं पाए थे। इसकी वजह से अफगानिस्तान की टीम को बड़ा नुकसान हुआ था। अब आईसीसी के नए नियम के मुताबिक घायल या चोटिल खिलाड़ियों की जगह टीम को उसी स्तर का खिलाड़ी मिल सकेगा। यानी इन नियमों से अब टीमों का काफी भला होगा।